बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 28 मई 2024 राघवेन्द्र सिंह
एक तरफ सरकार गांव में होनें वाले विकास कार्य में ग्रामीणों को मनरेगा के तहत कार्य करा कर रोजगार के साधन उपलब्ध करा रही है वहीं दूसरी तरफ सरपंच-सचिव मनमानी कर मनरेगा के तहत होनें वाले कार्यों को मजदूरों के साथ ही मशीनों से करवा कर मजदूरों का हक मार रहे हैं, इतना ही नहीं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी संबंधित कार्य का आदेश जारी करनें के बाद यह देखनें तक नहीं जाते कि कार्य मजदूरों से कराया जा रहा है या मशीनों से।
यह पूरा मामला पलारी तहसील अंतर्गत ग्राम संडी मुड़पार का है, जहा पर पंचायत के द्वारा गांव के निजी तालाब में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत मिट्टी निकालनें का कार्य करवाया जा रहा है, इसके अलावा उसी निजी तालाब के आधे हिस्से में नियम विरुद्ध जेसीबी से भी खुदाई करवाकर मिट्टी को निजी उपयोग हेतु हाईवा से निकलवा कर परिवहन किया जा रहा है, निजी जेसीबी से निकाली जानें वाली मिट्टी को पंचायत के उपयोग में नहीं लाया जा रहा है, जबकि नियम यह है कि उक्त मिट्टी को तालाब के मेढ़ में डाला जाना चाहिए।
मनरेगा के तहत इस तालाब में साठ दिनों तक का कार्य हो चुका है, जो कि शासन के रुपयों की बरबादी है।
पूरा मामला जनपद पंचायत पलारी में ग्रामीणों के द्वारा मौखिक रूप से कही गई है और अब जांच की प्रक्रिया में नोटिस तलब भी होना प्रारंभ हो गया है।
अब देखनें वाली बात यह होगी कि आगे इस विषय पर उच्च अधिकारी मामले को संज्ञान में लेकर किस तरह का कार्यवाही करते हैं, खबर अभी बाकी है….
वह अगले अंक में पूरे मामले को लेकर पुनः प्रकाशित करेंगे।
“सरपंच-सचिव तथा रोजगार सहायक को नोटिस जारी हुआ है, जवाब आनें पर विधिवत कार्यवाही होगी…
रोहित नायक
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
, जनपद पंचायत पलारी
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