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आगामी तीस दिवस के भीतर रिस्पॉस भत्ता मामले का निराकरण नहीं होनें पर जवानों के साथ उच्च न्यायालय की शरण लेंगे आरक्षक प्रदीप दिवाकर

बिलासपुर, छत्तीसगढ़। 01 अगस्त 2024

विगत वर्ष 2019-20 छत्तीसगढ़ राज्य के पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक से निरीक्षक तक के समस्त जवानों को रिस्पॉस भत्ता दिए जानें का मामला प्रकाश में आया, तत्पश्चात इस मामले में कई तरह की बातें सामनें आनें लगी और इस विषय पर प्रमुखता से चर्चा करनें वाले छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा के जवानों को विभिन्न प्रकार के प्रताड़नाओं से गुजरना पड़ा, और यह मामला पूर्ण रूप से संबंधित आला अधिकारियों की जानकारी में होते हुए भी आज दिनांक तक लंबित है, तथा किसी प्रकार से इस प्रकरण का निराकरण नहीं हो पाया है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा के जवानों में आक्रोश की भावना पनप रही है, और आगामी समय में यह आक्रोश भयानक रूप से पटल पर प्रदर्शित होनें की संभावना नजर आ रही है।

उक्त रिस्पॉस भत्ता को लेकर हाल ही में छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा के आरक्षक प्रदीप दिवाकर द्वारा गृह मंत्रालय सचिव को सुझाव पत्र भी प्रेषित किया गया है, तत्पश्चात आरक्षक प्रदीप दिवाकर द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत कुछ जरूरी और उपयोगी दस्तावेजों की प्रतिलिपि छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय से मांग की गई है।

आरक्षक प्रदीप दिवाकर मीडिया से मुखातिब होकर कहा कि यदि आगामी तीस दिवस के भीतर वर्षों से लंबित रिस्पॉस भत्ता प्रकरण का उचित निराकरण नहीं होनें पर छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा के अन्य जवानों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में पद का दुरुपयोग, भेदभाव, शासकीय फण्ड की हेराफेरी तथा भ्रष्टाचार का मामला संबंधित विभाग के खिलाफ दायर करेंगे।

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