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सर्व आदिवासी समाज परिक्षेत्र दक्षिण बिल्हा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति संयुक्त मोर्चा द्वारा रैली निकाल कर नगर के प्रतिठानों को करवाया गया बंद, सौंपा ज्ञापन

बिल्हा/बिलासपुर, छत्तीसगढ़। 21 अगस्त 2024

उपरोक्त मोर्चा के युवा प्रभाग अध्यक्ष महासिंह नेताम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 01अगस्त 2024 के लिए फैसले के विरोध में देशव्यापी भारत बंद के समर्थन में बिल्हा नगर को भी बंद कराया गया, इस दौरान बिल्हा नगर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान, गुपचुप, पान ठेला, हाॅटल, कपड़ा दुकानें आदि बंद रही।

सर्व आदिवासी समाज, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति संयुक्त मोर्चा का देशव्यापी बंद रैली गोंडवाना भवन पत्थर खान भाठा से प्रारंभ होकर शहीद वीर नारायण सिंह चौक से व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करवाते हुए शनिचरी बाजार, गुप्ता टाइपिंग सेंटर से महुआ चौक के सभी व्यापारिक‌‌‌ प्रतिष्ठान बंद करवाया गया, तत्पश्चात रैली जनपद कार्यालय पहुंचा, वहां से रैली वापसी महुआ चौक से हटरी बाजार होकर पुनः शनिचरी बजार पहुंचा, शनिचरी बाजार के पास एस.टी./एस.सी. समाज प्रमुखों द्वारा उद्बोधन किया गया, तथा रैली तहसील कार्यालय में पहुंचकर माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे के अंदर कोटा व कोटे के कोटे के अंदर क्रीमीलेयर लागू करनें के फैसले को पलटनें संविधान संशोधन लानें और अन्य मांगों के संबंध में एवं अपनी 11 सूत्रीय मागों क्रमश:

01. पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह मामले में आए निर्णय दिनांक 01 अगस्त 2024 के फैसले को पलटते हुए केंद्र सरकार तत्काल संविधान संशोधन लाए।

02. अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के पदोन्नति में आरक्षण मामले को अघोषित रूप से निष्प्रभावी करनें वाली सुप्रीम कोर्ट के एम.नागराज बनाम भारत संघ निर्णय 2006, जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता निर्णय 2018 एवं जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता द्वितीय निर्णय 2022 में आए फैसले एस.सी./एस.टी. वर्ग के क्वांटिफिएबल डाटा एकत्र करनें की पेचीदगियों को खत्म करनें हेतु संविधान संशोधन लाया जाए, क्योंकि एस.सी./एस.टी. अनुच्छेद 335 के तहत शासित होते है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक शासकीय सेवा के पदों में एस.सी./एस.टी. के दावे का प्रावधान है।

एम.नागराज निर्णय 2006 के बाद एस.सी./एस.टी. के दावे का लगातार हनन केंद्र और राज्य की सरकारें कर रही है।

03. अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों को प्रतिनिधित्व का अधिकार एवं सुविधाएं उनके ऐतिहासिक पिछड़े पन के कारण मिली है, ना कि आर्थिक, इसके बावजूद एस.सी./एस.टी. वर्ग के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप के लिए आय के प्रमाण की जरूरत पड़ती है, केंद्र सरकार द्वारा सन 2011 में एस.सी./एस.टी. वर्ग, ओ.बी.सी. वर्ग के लिए छात्रवृत्ति हेतु ढाई लाख आय सीमा में रखी गई है, जिसका संशोधन अब तक नहीं किया गया है, इसके कारण अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़े वर्ग चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के बच्चों को भी छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं, अतः इस मामले पर संज्ञान लेते हुए भारत सरकार अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों के लिए आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता को खत्म करें।

04. सन 2000 में लोकसभा में प्रस्तुत करिया मुंडा की रिपोर्ट न्यायपालिका में अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों के लिए जजों की नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान करनें संबंधी अनुशंसा को लागू करें।

05. ओ.बी.सी. वर्गों में क्रिमिनल का प्रावधान बंद करनें संबंधी संविधान संशोधन लाया जाए।

06. नीति आयोग के निर्देशानुसार अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों के लिए आबंटित पृथक बजट अनुसूचित जाति कंपोनेंट प्लान एवं ट्राइबल सब प्लान की राशि का 100% लक्षित उद्देश्यों में खर्च करनें हेतु कानून बनाया जाए एवं जो भी जिम्मेदार अधिकारी इस कानून को लागू करनें में कोताही बरते, उनके ऊपर दण्ड का प्रावधान करनें संबधी कानूनी प्रावधान किया जाए।

07. देश भर के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में लागू पांचवी अनुसूची अंतर्गत पेसा कानून के दिशा-निर्देशों का समुचित पालन किया जाए एवं इस निर्णय के परिपालन में कोताही बरतनें वाले अधिकारियों के ऊपर दण्ड का प्रावधान किया जाए।

08. एस.सी./एस.टी. आरक्षण को 09वीं अनुसूची में डाला जाए।

09. जातिगत जनगणना किया जाए।

10. विशेष वर्गों को बैक डोर से एंट्री देनें वाली लैटरल एंट्री केंद्र सरकार तत्काल खत्म करें एवं सरकारी संस्थाओं को बेचना बंद करें, साथ ही निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़े वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करनें हेतु आरक्षण का प्रावधान करनें संविधान संशोधन लाए।

11. कोलोजियम सिस्टम के जगह न्यायिक सेवा आयोग से जजों की नियुक्ति किया जाए के नाम से
माननीय राष्ट्रपति महोदया भारत सरकार, नई दिल्ली, माननीय राज्यपाल महोदय रायपुर, छत्तीगढ़ सरकार, माननीय प्रधानमंत्री
भारत सरकार, नई दिल्ली, माननीय कानून मंत्री भारत सरकार, नई दिल्ली, माननीय चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली, माननीय अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, नई दिल्ली, माननीय अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, नई दिल्ली के नाम द्वारा- माननीय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिल्हा, जिला बिलासपुर, छत्तीसगढ़ को ज्ञापन दिया गया, तत्पश्चात सभी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समाज को एवं सभी व्यापारी बंधुओं का आभार व्यक्त ब्लाॅक अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह मरकाम द्वारा किया गया।

बिल्हा नगर बंद के समर्थन में युवा प्रभाग अध्यक्ष महासिंह नेताम, महिला प्रभाग अध्यक्ष सुभाषिनी कमल किशोर मरावी, जिलाध्यक्ष शिवनारायण चेचाम, पूर्व जनपद सदस्य ओमप्रकाश कोशले, राम नाथ कतलम, मुरकुटा चक अध्यक्ष मोहन फरवी, संयुक्त सचिव सूर्यवंशी शिक्षा समिति, मोहन मरावी, ढेलूराम ध्रुव, चेतन मरावी, गिरधारी नेटी, मन्ना लाल राजकुमारी नेताम, शैल श्रवण कुमार छेदैहा, अनिल मरावी, उपाध्यक्ष सुनीता जगत, अहिल्या बाई नेताम, लक्ष्मण मरावी, तुलसी जगत, पुन्नी मरकाम, धन्नू नेताम, शिवनाथ नेटी, बिरेंद्र खांड़े, रामकुमार नेताम, शत्रुघ्न मरावी, देवकुमार, चंद्र कुमार, रामेश्वर मरावी, विनोद मरावी सहित लगभग 600 से 800 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समाज के लोग रैली में शामिल हुए।

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