कटघोरा/कोरबा, छत्तीसगढ़। 23 फरवरी 2024
त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के तहत् राज्य व केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष दिए जानें वाले लाखों रुपयों के फंड का बेखौफ दुरुपयोग करते हुए गांव में शुद्ध पेयजल उपलब्धता की आड़ में आंकड़ों का खेल सरपंच-सचिव द्वारा खेलकर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया, परिणामस्वरूप ऑनलाईन और पोर्टल में जितना काम व आहरित राशि दर्शा रहा है, उनमें ज्यादातर काम धरातल पर नजर नहीं आ रहा है और जो काम नजर आ भी रहा है, उससे अधिक की राशि निकाली गई है, जिसे देख ऐसा लग रहा है मानो संबंधित विभाग में बैठे जिम्मेदारों द्वारा डोंगरी सरपंच-सचिव को भ्रष्ट्राचार व गबन करनें की आजादी दे दी गई हो।
जिले के कटघोरा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगरी के भोले-भाले जनता द्वारा अपने अधिकार व पंचायत के नियम से अनभिज्ञ होने का लाभ लेकर यहां के निर्वाचित सरपंच इंद्रपाल सिंह कंवर और सचिव सजन सिंह कंवर ने मिलीभगत कर पंचायत खाते में शासन से जारी लाखों की राशि का बुनियादी व्यवस्था एवं विकास कार्य की आड़ में मनमाने दोहन किया है। सरपंच-सचिव द्वारा ऑनलाईन रिचार्ज पोर्टल के अनुसार 18/11/2020 को पचरी मरम्मत हेतु मूलभूत मद से 01.50 लाख, सोख्ता गड्ढा व कूड़ादान निर्माण के लिए 14वें वित्त से 25/07/2020 को 47 हजार व 27/07/2020 को 48 हजार, 15वें वित्त आयोग से 29/01/2022 की तिथि में 02 लाख 07 हजार 680 रुपए की स्ट्रीट लाईट खरीदी, पंचायत भवन रंगाई-पोताई के लिए 01/03/2023 को 19 हजार 950 रुपए व माध्यमिक शाला में शेड निर्माण के नाम पर 22/07/2023 की बाउचर तिथि को 20 हजार की राशि मूलभूत से निकाली गई है, जबकि इनमें अधिकतर काम धरातल पर नहीं कराए गए है और जो कार्य हुए है वह भी नाम मात्र का, जिसे पिछले दिनों “डोंगरी पंचायत में कागजों पर मूलभूत सुविधाओं और विकास कार्यों का खेला: फर्जी बिल के नाम पर सरपंच-सचिव सरकार को लगा रहे चूना, धरातल पर ढाक के तीन पात” शीर्षक के साथ खबर प्रसारित किया गया था, वहीं इस पंचायत में सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल व्यवस्था और शासकीय भवनों में रनिंग वाटर स्थापना की आड़ में भी सरपंच-सचिव नें आहरित राशि से कम काम कराकर जनता के पैसों का जमकर वारा-न्यारा किया है, लेकिन अभी तक भ्रष्ट्राचार पर लगाम लगानें वाले जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नही है।
सरकारी पोर्टल में दर्शित काम व आहरित राशि–
01:- तिलवारीपारा में हेण्डपम्प एवं बोर व व्यवसायिक परिसर के पास बहरापारा में हेण्डपम्प का भुगतान, रिचार्ज बाउचर तिथि- 21/07/2020, राशि- 2,16000 लाख, 14वें वित्त.
02:- बोर खोदाई सह हेण्डपम्प निर्माण, रिचार्ज बाउचर तिथि- 25/07/2020, राशि- 2,20000 लाख, 14वें वित्त.
03:- बोर खनन एवं सबमर्सिबल पंप, रिचार्ज बाउचर तिथि- 27/07/2020, राशि- 1,26000 लाख, 14वें वित्त.
04:- धीरपाल घर के पास बोर खनन, रिचार्ज बाउचर तिथि- 04/09/2021, राशि 1,38,440 लाख, 15वें वित्त.
05:- गौठान में बोर खनन व हेण्डपम्प, रिचार्ज बाउचर तिथि- 04/09/2021, राशि- 1,39,400 लाख, 15वें वित्त.
06:- बाला घर, चन्द्रभवन घर, चमरा घर, बैशाखू घर के पास सबमर्सिबल एवं सिंटेक्स स्थापना, रिचार्ज बाउचर तिथि- 28/09/2021, राशि- 2,00,000 लाख, 15वें वित्त.
07:- हेण्डपम्प चबूतरा मरम्मत, रिचार्ज बाउचर तिथि- 29/01/2022, राशि- 47 हजार, 15वें वित्त.
08:- हेण्डपम्प मरम्मत, रिचार्ज बाउचर तिथि- 18/1१/2022, राशि- 4,657 हजार, 14वें वित्त.
09:- प्राथमिक शाला बहरापारा, प्राथमिक शाला डोंगरी बस्ती, आंगनबाड़ी केंद्र- 03 में रनिंग वाटर कार्य, रिचार्ज बाउचर तिथि- 18/11/2022, राशि- 2,31,000 लाख, 15वें वित्त.
10:- तिलवारीपारा महंत सामुदायिक भवन में सबमर्सिबल एवं सिंटेक्स कार्य, रिचार्ज बाउचर तिथि- 13/02/2023, राशि- 76,669 हजार, 15वें वित्त.
11:- झंगली घर के पास हेण्डपम्प सेट, रिचार्ज बाउचर तिथि- 27/02/2023, राशि- 26 हजार, 15वें वित्त.
12:- माध्यमिक शाला डोंगरी में रनिंग वाटर स्थापना, रिचार्ज बाउचर तिथि- 08/11/2023, राशि- 70 हजार, 15वें वित्त.
13:- अर्जुनदास घर के पास सबमर्सिबल एवं सिंटेक्स स्थापना, रिचार्ज बाउचर तिथि- 08/11/2023, राशि- 70 हजार, 15वें वित्त.
14:- तिलवारीपारा चौंक के पास सबमर्सिबल एवं सिन्टेक्स स्थापना, रिचार्ज बाउचर तिथि- 14/11/2023, राशि- 70 हजार, 15वें वित्त.
15:- गौठान में सबमर्सिबल पंप फिटिंग, रिचार्ज बाउचर तिथि- 09/12/2023, राशि 50 हजार, 15वें वित्त.
16:- दुकाल घर के पास सबमर्सिबल एवं सिन्टेक्स स्थापना, रिचार्ज बाउचर तिथि- 18/12/2023, राशि- 67 हजार, 15वें वित्त.
17:- मनोज घर के पास कदमचौंक में सबमर्सिबल पंप एवं सिन्टेक्स स्थापना, रिचार्ज बाउचर तिथि- 28/12/2023, राशि- 67 हजार, 15वें वित्त.
सरपंच-सचिव नें उक्त कार्यों पर लाखों की राशि मूलभूत, 14वें व 15वें वित्त मद से आहरण की है, लेकिन उनमें आधे काम कराया नहीं गया और जो काम हुए है उन कार्यों की लागत से अधिक राशि निकाली गई है।
अब सवाल यह उठता है कि पारदर्शिता के मंशा से जिस सरकारी पोर्टल को बनाया गया है, आज उसी में खुलकर भ्रष्ट्राचार किया जा रहा है और ऐसे- ऐसे फर्जी बिल लगाए जा रहे है कि उदाहरण के तौर पर जिसमे किराना दुकान से स्टेशनरी तो जनरल स्टोर्स से मशीन खरीदने के बिल लगा भुगतान ले रहे है, ऐसे में पंचायतों का यह मामला संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत को भी दर्शाता है।