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बलौदाबाजार-भाटापारा जिला क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरो का बोलबाला, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग में निर्भीक होकर कर रहे है अवैध रूप से ईलाज

बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 07 सितम्बर 2024

✒️✒️ राघवेन्द्र सिंह

छत्तीसगढ़ राज्य के जिला बलौदाबाजार-भाटापारा अन्तर्गत सभी विकासखण्ड क्षेत्रों में अवैध रूप से लैब, क्लिनिक, मेडिकल स्टोर खुलेआम धड़ल्ले से लगातार संचालित हो रही है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग की बराबर की हिस्सेदारी नजर आ रही है, जिसकी पुष्टि हमारे संवाददाता द्वारा किए गए स्टिग ऑपरेशन के माध्यम से की गई।

संवाददाता द्वारा स्वयं मरीज बनकर झोलाछाप डॉक्टर के पास इलाज करवानें गया, जिसके बाद झोलाछाप डॉक्टर द्वारा आव देखा ना ताव तुरंत मरीज को किसी भी प्रकार प्राथमिक परिक्षण किए बिना ही तत्काल उन्हें लेटाकर दो इंजेक्शन लगा दिया गया, जिसके बाद मरीज बने हुए संवाददाता को कुछ मिनट के लिए चक्कर आना प्रतीत हुआ, तत्पश्चात झोलाछाप डॉक्टर द्वारा बोला गया कि कुछ नहीं होगा कुछ समय के लिए हुआ है, हैवी इंजेक्शन है तो थोड़ा असर होगा ही, और कुछ भी नहीं होगा आप निश्चिंत रहे।

📡 झोलाछाप डॉक्टर एवं संवाददाता के बीच चर्चा…

बलौदाबाजार-भाटापारा जिला क्षेत्र के बलौदाबाजार विकासखण्ड अन्तर्गत आनें वाले ग्राम पंचायत सेमराडीह के मेनरोड में विगत तीस वर्षो से लगातार अवैध क्लिनिक संचालित कर रहे अमित कुमार सरकार नामक एक तथाकथित झोलाछाप डॉक्टर द्वारा मीडियाकर्मी को बताया गया कि हमारे जिले मे हम डॉक्टरों का 680 के लोगों का एक संगठन है, और हम सभी के सभी डॉक्टर क्लिनिक संचालित कर रहे हैं, हमें और कहीं किसी भी प्रकार के पंजीयन करानें की कोई आवश्यकता नहीं है, हमारा संगठन का पंजीयन ही नर्सिंग होम एक्ट में पंजीयन के बराबर है, तब संवाददाता द्वारा बोला गया कि स्वास्थ्य सम्बन्धित क्रियान्वयन के लिए जैसे क्लिनिक, मेडिकल, अस्पताल के संचालन के लिए शासन द्वारा अधिनियम के मापदंड बनाए गए हैं, और जो कि इस प्रकार की गतिविधियों के संचालन के लिए अति आवश्यक भी होता है, तो क्या इन कायदे क़ानून की कोई महत्व नहीं है…? क्योंकि उनके लिए शासन-प्रशासन के नियम, कायदे क़ानून कोई मायने ही नहीं रखते है, उक्त झोलाछाप डॉक्टर द्वारा बोला गया कि हमारे पास चार-छह महीनें में स्वास्थ्य विभाग का नोटिस आता रहता है, लेकिन हम लोग कार्यालय में जाकर अपनी उपस्थित दर्ज कर आ जाते है, हमें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती है, तथा विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा बीच-बीच मे हमारे क्लिनिक का निरीक्षण परीक्षण किया जाता है, तथा उनके द्वारा हमें गाइड किया जाता है कि आप ऐसे ही लगातार प्रेक्टिस करते रहे, और ध्यान से करें।

📡 जेनेरिक दवाईयों का खेल, मरीज हो रहे है गरीब…

कुछ समय पूर्व ही राज्य सरकार और उच्चतम न्यायालय के द्वारा दिशा निर्देश जारी किया गया था, जिसमें स्पष्ट रूप से शासन के निर्णय अनुसार गवर्नमेंट हॉस्पिटल के अतिरिक्त प्राइवेट हॉस्पिटल में भी जेनेरिक दवाईयों को बढ़ावा देनें के लिए तथा उन दवाईयों का सेवन करनें के लिए लेख उल्लेखित किया गया था, जिसमें गरीब तबके के लोगों को कम दाम में महंगी दवाईयां प्राप्त हो जाती है, लेकिन इस प्रकार अवैध रूप से संचालित कर रहे ग्राम पंचायतों में झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा जेनेरिक दवाइईयों को भी एम.आर.पी. रेट में बेचा जा रहा है, जबकि शासन द्वारा 60 से 70% की छूट एम.आर.पी. रेट में दिया गया है, जो कि राज्य के सभी स्थानों पर लागू होती है, और साथ ही साथ माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा एक महत्वपूर्ण योजना बनाकर देश के कई राज्यों पर सस्ते दाम पर जेनेरिक मेडिसिन की मेडिकल स्टोर्स भी खोले गए हैं, जिसमें आसानी से कम दामों पर जेनेरिक दवाईयां उपलब्ध की जा रही है, जिससे लोगों को इलाज में काफी ज्यादा राहत मिल रही है, किन्तु तथाकथित स्थानीय झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा जेनेरिक दवाईयों को एम.आर.पी. रेट पर बेचकर मरीजों को लगातार लूटनें का कार्य किया जा रहा है।

जिला स्वास्थ्य कार्यालय को झोलाछाप डॉक्टर संघ द्वारा की जाती है लगातार चढ़ोतरी...

तथाकथित झोलाछाप डॉक्टर अमित कुमार सरकार द्वारा मीडियाकर्मी से बात करते हुए बताया गया कि हमारे संघ के द्वारा समय-समय पर जिला स्वास्थ्य विभाग को एक्स-रे मशीन, कुर्सियां, सीलिंग पंखे तथा साथ ही साथ समय-समय पर संघ द्वारा आर्थिक सहयोग करते रहते हैं, जिसके एवज में विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा विभागीय कार्यवाहियों से हमें बचाए रखनें का आश्वासन दिया जाता है।

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