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मेरा लापता बच्चा को मुझ तक पहुंचा दो साहब- व्यथित पिता यशवंत

📡 मेरे साथ गुमराह करनें वाले को कड़ी सजा हो…

बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 10 अक्टूबर 2024

✒️✒️ राघवेन्द्र सिंह

जिलाधीश के पास आज एक पीड़ित पिता अपनें बच्चों को लेकर आवेदन प्रस्तुत करनें आया था, जिन्होंने अपनें प्रपत्र के माध्यम से बताया कि शासकीय प्री-मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास अर्जुनी से लापता छात्र की सूचना देनें एवं कार्यवाही करवानें के संबंध में आया हूं, मेरा नाम यशवंत कुमार ध्रुव, पिता- राम भरोसा ध्रुव, ग्राम पंचायत देवरानी, पोस्ट मल्दी, थाना सुहेला का रहनें वाला हूं जो कि मजदूरी के माध्यम से अपनें परिवार सहित जीवन यापन करता हूं।

छात्रावास से लापता छात्र लव कुमार ध्रुव मेरा पुत्र है, जो कि अर्जुनी आदिवासी बालक छात्रावास में रहकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टोनाटार में कक्षा नवमीं में पढ़ाई कर रहा था, मेरा पुत्र छात्रावास से 03 अक्टूबर को ना जानें कहां चला गया था जिसकी सूचना संस्था के कर्मचारियों नें मुझे उसी दिन दिया था, इसके बाद मैं दुर्ग में मजदूरी कार्य कर रहा था, उसको छोड़कर छात्रावास में हाल-चाल जाननें के लिए पहुंचा था, तब छात्रावास अधीक्षक और कर्मचारियों से मेरी बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि आपका पुत्र लव कुमार डोंगरगढ़ गया हुआ होगा कहकर शंका जतानें लगे और कहा कि नवरात्री पंचमी तिथी तक लापता होनें की सूचना को प्रचार-प्रसार नहीं करना है, गोपनीय रखते हुए अपनें रिश्तेदारी में लव कुमार को ढूंढना है, मैंने अधीक्षक द्वारा कही गई बातों को मानते हुए नवरात्री के पंचमी तिथी तक गोपनीय ढंग से पतासाजी कर रहा था, परंतु पंचमी तिथी तक भी मेरे पुत्र लव कुमार की सूचना नहीं मिल पा रही थी तब मैंने समाज में अपनी समस्या रखी तो समाज नें अधिकारियों से बात-चीत किया और आपके पास में आवेदन भी किया था जो कि बिल्कुल सत्य है।

ध्यान आकर्षण हो कि जब मैं 05 अक्टूबर को छात्रावास पहुंचा तब एक आवेदन में मेरा हस्ताक्षर करवाया गया, उसमें क्या लिखा था यह मुझे पता नहीं था जब समाज को मैंने जानकारी दिया कि अधीक्षक नें एक पत्र में मेरे से हस्ताक्षर लिया है तब समाज में उस पत्र को अधीक्षक से मांग कर सभी के बीच में पत्र का पाठन किया तब समझ में आया कि आवेदन में पुत्र सहित सामान को मैं अपनें साथ ले जा रहा हूं जो कि पूरी तरह से गलत है और मुझे हस्ताक्षर के समय इसकी जानकारी नहीं थी।

इसके पश्चात दिनांक 08 अक्टूबर 2024 को रात्रि के समय भाटापारा ग्रामीण थाना की पुलिस मेरे निवास ग्राम देवरानी पहुंची तब मुझसे पूछ-ताछ किया और कल थाना आनें को कहा, तब मैं दिनांक 09 अक्टूबर 2024 के लगभग 12:00 बजे थाना पहुंचा, उसके बाद छात्रावास के कर्मचारी कमल टण्डन नें फिर से मुझे गुमराह करते हुए एक और आवेदन में हस्ताक्षर करवाया जिसमें लिखा था कि कमल टण्डन और अधीक्षक महेश्वरी की कोई गलती नहीं है, उस पत्र को मेरे सामाजिक मित्र नें पढ़ा तब उसका विरोध किया, पत्र संलग्न है।

उक्त पत्र मुझे गुमराह करके लिखा गया है, जिसे शून्य माना जाए तथा मेरे बच्चे को जल्द से जल्द पतासाजी कर मुझे सुपुर्द किया जाए और गुमराह करके दो-दो आवेदन पर मुझे दस्तखत करवाया गया जिसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।

उपरोक्त सम्पूर्ण बातों को लेकर पीड़ित पिता और पीड़ित माता नें जिलाधीश दीपक कुमार सोनी से मुलाकात किया, जिसमें जिलाधीश नें बच्चा को वापस लानें तथा मामले को लेकर उचित कार्यवाही करनें का आश्वासन दिया।

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