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0.58 करोड़ रुपए की लागत से बना तहसील भवन चढ़ा भ्रष्टाचार का भेंट

📡 तहसील भवन में कराया गया गुणवत्ता विहीन कार्य…

बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 17 अक्टूबर 2024

✒️✒️ राघवेन्द्र सिंह…

जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के बलौदाबाजार तहसील के नव भवन निर्माण में ठेकेदार और संबंधित विभागीय अधिकारियों के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है, ठेकेदार और अधिकारियों के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की कलाई उस समय खुली थी जब दीवारों में दरारें सम्पूर्ण भवन के सभी कक्षों में दिखनें लगे।

उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त 2023 में ही लोकार्पण हो गया था और इतने अल्प समय में ही दीवारों में दरारें दिखाई दे रहीं थी, साथ ही घटिया गुणवत्ता की वजह से कमरों के दीवारों पर दरारें स्पष्ट दिखाई दे रहा है जो इस बात पर हामी भर रहा है कि भवन निर्माण में निर्माण एजेंसी द्वारा शुरुआत से लेकर अंतिम निर्माण तक लापरवाही बरती गई है, जिसके परिणाम स्वरुप बिल्डिंग अभी से जिर्ण-शीर्ण होने लगी है, भवन की भौतिक स्थिति संतोषजनक प्रतीत नहीं हो रहा है।

जानकारी के मुताबिक मौके पर जो स्थिति प्रदर्शित हो रही है, वह यह स्पष्ट कर रही है कि तहसील का भवन बनानें में व्याप्त पैमानें पर गुणवत्ता को दरकिनार कर निर्माण कार्य किया गया है, जिसमें ठेकेदार के साथ ही विभागीय अधिकारियों के द्वारा भी गुणवत्ता की अनदेखी जान-बूझकर की गई है, जिस कारण से उक्त नवीन भवन अल्प समय में ही दरारों के गोद मे समाता नजर आ रहा है, हालांकि मामला सामनें आनें के बाद जिला प्रशासन कार्यवाही किस प्रकार करती है यह देखनें वाली बात होगी।

📡 निर्माण के समय अधिकारी क्यों नहीं देते ध्यान…

लाखों-करोड़ों रुपयों की इमारतें जर्जर हो रही है, जो ठेकेदार और अधिकारियों की संगामित्ती को प्रदर्शित करती है, चूंकि शासन के द्वारा किसी भी शासकीय भवन को बनानें का टेण्डर जारी किया जाता है, जिसमें ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्य करवाया जाता है और किसी भी एजेंसी को निर्माण कार्य करवानें की जिम्मेदारी होती है तो उसके द्वारा निर्माण कार्य के समय गुणवत्ता की मॉनिटरिंग क्यों नहीं की जाती।

वर्तमान में जो स्थिति तहसील भवन बलौदाबाजार में उत्पन्न है उसमें ठेकेदार के साथ ही निर्माण एजेंसी भी बराबर की दोषी माना जा सकता है, चूंकि ठेकेदार यदि गुणवत्ता को ताक पर रखकर कार्य कर रहा था तो निर्माण एजेंसी क्या कर रही थी।

📡 कलेक्टर से उचित कार्यवाही की आस…

इस संंबध में हमारे संवाददाता के द्वारा तत्कालीन कलेक्टर को मामले से अवगत कराया गया था, जिस पर सम्बंधितों पर उचित कार्यवाही करनें की बात कही गई, जिसमें किसी तरह की कार्यवाही दोषी ठेकेदार और अधिकारियों पर नहीं की गई है।

लिहाजा शासन के पैसों की होली खेलकर गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य करवाया गया है, जिस कारण से उक्त सरकारी बिल्डिंग अल्प समय में ही जर्जर होकर जीर्ण-क्षीर्ण हालात में पहुंच रही है, कलेक्टर का स्थानांतरण होनें के बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया, अब नए कलेक्टर से कार्यवाही की आस है।

वहीं इस सम्बन्ध मे लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता (ई.ई.), बलौदाबाजार अनुविभागीय अधिकारी (लो.नि.वि.) एवं अभियंता से मोबाइल से संपर्क करनें का प्रयास किया गया किंतु उन सभी के द्वारा काल रिसीव नहीं किया गया।

प्रशासन के द्वारा संज्ञान में आनें के बाद क्या कार्यवाही सुनिश्चित करती है, यह बड़ी बात होगी।

अनियमिता से सम्बंधित सभी तथ्यों एवं सम्बंधितों के पक्ष जाननें के बाद खबर को अगले अंक में पुन: प्रकाशित की जाएगी।

तब तक बनें रहें हमारे साथ…

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