बेमेतरा, छत्तीसगढ़। 28 मई 2024
सृजन का आधार मासिक धर्म है लेकीन यह शब्द सुनते ही असहज हो जाते हैं, महावारी के साथ शर्म का ताना बाना बुना गया है कि महिलाएं अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को बतानें में असहज महसूस करती हैं, अस्वच्छ प्रबंधन का महिलाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है, इन्ही कारणों को ध्यान में रखते हुए जिला बेमेतरा के परियोजना नांदघाट सेक्टर कुरा के सभी 28 आगनवाड़ी केंद्रों पर आज आज जिला अधिकारी चंद्रवेश सिंह सिसोदिया एवं परियोजना अधिकारी श्रीमती जयश्री नामदेव के निर्देशानुसार विश्व महावारी स्वच्छता दिवस का आयोजन किया गया।
जिसमे सेक्टर के लगभग 700 महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को स्वच्छ मासिक प्रबंधन के लिए शिक्षित किया गया प्रेरणा गीत तथा कविताओं के माध्यम से उनका उत्साह वर्धन किया गया, उन्हें मासिक धर्म क्या है और इसे आज ही क्यों मनाया जाता है और साथ ही एक स्वच्छ मासिक प्रबंधन क्या है, बहुत सरल सहज तरीके से समझाया गया, उन्हें बताया गया कि वर्ष 2014 से हर साल 28मई को यह दिवस मनाया जाता है।
28 मई को इसलिए चुना गया कि महिलाओं में सामान्यतः मासिक चक्र आनें की अवधि 28 से 35 दिन के भीतर होती है, महिलाओं के जीवन में मासिक धर्म अहम स्थान रखता है, यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, इसकी शुरुआत 11से 12 वर्ष में होती है और 45 से 50 वर्ष की आयु तक हर महीनें महिलाओं को महावारी से गुजरना पड़ता है, महावारी एक ऐसी प्रक्रिया है जो शारीरिक रूप से महिलाओं को गर्भधारण के लिए तैयार करती है, किशोरावस्था के दौरान बालिकाओं को शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिससे कई परेशानी का सामना भी करना पड़ता है, जैसे अत्यधिक महावारी, अत्यधिक रक्तस्राव, दर्द, कमजोरी और भावनात्मक परिवर्तन होते हैं, इसके संक्रमण से बचाव के लिए महावारी के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मितानिन दीदी के माध्यम से बालिकाओं को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराया जाता हैं।
- अक्सर महावारी में महिलाएं कपड़े या पेड का उपयोग करती हैं, विशेषज्ञों के अनुसार कपड़े के बजाय पैड स्वच्छ और सुविधाजनक होता है, इससे संक्रमण का खतरा नहीं होता है, इसकी महत्ता को देखते हुए सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सेनेटरी नेपकिन का निर्माण स्व-सहायता समूहों के द्वारा किया जाता है, इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत भी किया जाता हैं, हमनें बालिकाओं से अक्षय कुमार की फिल्म पैड मैन के बारे में चर्चा किया जिससे महावारी से जुड़ी समस्या, रोग निवारण पर विस्तार पूर्वक बातें हुई, अब इस विषय पर बालिकाओं को झिझकना नहीं है, और एक स्वच्छ एवं स्वस्थ आदत का निर्माण करना है, और इसी संकल्प के साथ महावारी स्वच्छता दिवस के कार्यक्रम का समापन रानू मिश्रा पर्यवेक्षक कुरा के द्वारा किया गया।