बिलासपुर, छत्तीसगढ़। 30 जुलाई 2024
छत्तीसगढ़ राज्य के न्यायधानी बिलासपुर से याचिकाकर्ता प्रदीप दिवाकर एवं अन्य पुलिस कर्मचारियों द्वारा W.P. (S) नंबर 3204/2020 हाईकोर्ट बिलासपुर छ.ग. में याचिका दाखिल की गई है, जिसकी मुख्य बिन्दुओं पर शासन का ध्यान आकर्षित एवं निराकरण के लिए पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के माध्यम से गृह मंत्रालय छत्तीसगढ़ के अपर सचिव को प्रस्ताव प्रेषित किया गया, जिसमें निम्नानुसार सुझावों का उल्लेख किया गया है…
01. यह कि सहायक पुलिस महानिरीक्षक (यो./प्र) पुलिस मुख्यालय नया रायपुर द्वारा पत्र क्रं.-पु.मु./पु.मु./खण्ड-13/यो.प्र./भत्ता/3928/2019 दिनांक 19-08-2019 को विभिन्न प्रकार की घटनाओं में स्थानीय थाना एवं जिला बल के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा (डीआरपी लाईन और अन्य स्टॉफ सहित) घटना स्थल पर पहुंचकर प्रकरण के अनुसार अथवा कानून व्यवस्था बनाए रखनें में उचित कानूनी कार्यवाही करना आवश्यक होनें के कारण जिला बल के समस्त पुलिस कर्मियों (आरक्षक से निरीक्षक) को रिस्पॉस भत्ता दिए जानें हेतु शासन की ओर प्रस्ताव प्रेषित किया गया था।
02. यह कि क्रमांक 01 के न्यायोचित तथ्यों को बदलकर अपर मुख्य सचिव, छ.ग. शासन, गृह (पुलिस) विभाग द्वारा जिला बल के थानों में पदस्थ पुलिस कर्मियों (आरक्षक से निरीक्षक) को रिस्पॉस भत्ता दिए जानें संबंधित आदेश पारित किया गया है।
03 जिला बल के समस्त पुलिस अधिकारियों / कर्मचारियों को रिस्पॉस भत्ता का प्रोत्साहन राशि नहीं दिए जानें पर, याचिकर्ताओं के द्वारा हाईकोर्ट बिलासपुर छ.ग. में दिनाक 05-08-2020 को याचिका W.P.(S) नंबर 3204/2020 हाईकोट बिलासपुर छ०ग०) दाखिल की गई है।
04 माननीय हाईकोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी के द्वारा दिनांक 18-08-2020 को मामले की सुनवाई करते हुए कहा गया कि जिला बल के थानें में पदस्थ पुलिस कर्मचारी एवं लाईन में पदस्थ पुलिस कर्मचारी एवं अन्य स्थान पर पदस्थ पुलिस कर्मचारी एक ही है एवं समान अधिकार रखते है, पुलिस कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
05 यह कि शासन की ओर से एडव्होकेट द्वारा दिनांक 08-06-2021 को याचिकाकर्ताओं के न्यायोचित तथ्यों पर सहमति जताते हुए शपथ पत्र एवं जिला बल के समस्त पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को रिस्पॉस भत्ता दिए जानें संबंधी प्रस्ताव माननीय हाईकोर्ट छ.ग. के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत किए गए है।
06 पुलिस मुख्यालय के द्वारा प्रेषित पत्र (संलग्न है) न्यायसंगत होनें और माननीय हाईकोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी के द्वारा दिए गए न्यायसंगत तर्क अवमानना करते हुए छ.ग. जिला बल पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों में भेदभाव किया जा रहा है, जिससे वर्तमान में भी अधिकार से वंचित पुलिस कर्मचारियों को रिस्पॉस भत्ता का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
पुलिस गृह विभाग से आग्रह है कि रिस्पॉस भत्ता आदेश दिनांक से लेकर आज तक, जिन जिला बल पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को रिस्पॉस भत्ता नहीं दिया गया है, उनके बैंक खाते में एरियस सहित संपूर्ण राशि जमा कराये और सुचारू रूप से जिला बल के समस्त पुलिस अधिकारियों / कर्मचारियों (आरक्षक से निरीक्षक) को रिस्पॉस भत्ता दिया जाकर, माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ को अवगत कराकर न्यायालय में लंबित प्रकरण W.P.(S) नंबर 3204/2020 हाईकोर्ट बिलासपुर छत्तीसगढ़ का निराकरण कर खारिज कराएं।