बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 31 अगस्त 2024
✒️✒️ सोना बारमते…
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल विकासखंड अंतर्गत अंतिम छोर में स्थित वनांचल ग्राम बल्दाकछार की निवासी ममता कमार की कहानी उन तमाम संघर्षशील महिलाओं की कहानी है जो अपनें परिवार के बेहतर भविष्य के लिए निरंतर प्रयासरत है।
ममता कमार के परिवार में उनके पति पंच राम कमार और तीन बेटियाँ हैं जिनमें से नंदनी कमार 10 साल की है जो कि चौथी कक्षा, निधि 07 साल है जो पहली कक्षा में पढ़ती है, ममता की सबसे छोटी बेटी लवली अभी 03 साल की ही है।
पंच राम कमार का जीवन-यापन बांस के कार्य पर निर्भर है,जो एक पारंपरिक और श्रमसाध्य कार्य है, इस मेहनत के बावजूद, परिवार के लिए एक स्थायी और सुरक्षित छत का सपना अधूरा था, पहले वे एक कच्चे मकान में रहते थे, जहाँ मौसम की मार से बचना हमेशा एक चुनौती रहती थी।
लेकिन प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना नें ममता कमार और उनके परिवार की जिंदगी में नई रोशनी ला दी है, इस योजना के तहत उन्हें पक्का मकान मिल गया है, जिससे अब उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा की भावना पैदा हो गई है, अब ममता और उनका परिवार एक सुरक्षित और मजबूत घर में रह रहा है, जहाँ उनकी बेटियाँ बिना किसी चिंता के अपनें भविष्य की ओर बढ़ सकती हैं।
ममता कमार इस योजना के लिए प्रधानमंत्री और राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पक्के मकान नें उनके परिवार के जीवन को एक नई दिशा दी है और उनकी बेटियों के भविष्य के प्रति उन्हें आत्मविश्वास से भर दिया है, इसके साथ ही उन्होंने बताया की मुझे महातारी वंदन के तहत प्रतिमाह 01 हजार रूपए मिलता है जिसका उपयोग बांस खरीदनें एवं दैनिक खर्चे के लिए करती हूं।
यह कहानी ममता कमार के संघर्ष और उनकी सफलता की है और यह इस बात का उदाहरण है कि सही समय पर सही मदद कैसे एक साधारण परिवार की जिंदगी बदल सकती है।