Headlines

छत्तीसगढ़ राज्य में सहकारी समितियों का मजबूत नेटवर्क होगा तैयार

रायपुर, छत्तीसगढ़। 05 सितम्बर 2024

✒️✒️ न्यू छत्तीसगढ़ डाॅट काॅम…

📡 हर पंचायत में होगी सहकारी समितियां…

📡 पेक्स को मल्टीप्लेक्स के रूप में किया जाएगा विकसित…

छत्तीसगढ़ में सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनानें की ठोस रणनीति तैयार की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करनें के लिए राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में सहकारी समितियों का नेटवर्क बनाया जाएगा।
सहकारिता विभाग के सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना एवं कुलदीप शर्मा आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़, नें “सहकार से समृद्धि” पर बनाई गई कार्ययोजना की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इस अवसर पर अपर पंजीयक एच.के. दोशी, अपर पंजीयक एच.के. नागदेव, अपेक्स बैंक प्रबंध संचालक के.एन. काण्डे, कृषि विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, पशुपालन विभाग, मछली पालन विभाग, दुग्ध महासंघ मत्स्य महासंघ, कॉमन सर्विस सेंटर व प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र के राज्य प्रभारी व प्रतिनिधियों सहित अपर पंजीयक, संयुक्त पंजीयक, उप पंजीयक, सहायक पंजीयक तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में पंचायतवार, पेक्स, मत्स्य समिति और दुग्ध समितियों की जानकारी उपलब्ध करानें के साथ ही क्रियाशील और अक्रियाशील समितियों के चिन्हांकन कर सक्रिय करनें के निर्देश भी दिए, उन्होंने कहा कि ऐसे ग्राम पंचायत जहां एक भी समिति नहीं है, वहां नवीन समितियों का गठन किया जाए, उन्होंने कहा कि आगामी छह-छह माह का लक्ष्य बनाकर पेक्स को मबजूत करनें तथा मल्टी एक्टिविटी की सुविधाएं बढ़ानें के दिशा में काम किया जाए, उन्होंने कहा कि पेक्स को मल्टी परपस पेक्स के रूप में विकसित करनें से लोगों के लिए घर के द्वार पर ही अनेक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
इससे किसानों, गरीबों और मजदूरों के समय और पैसे की बचत होगी।

आगामी खरीफ फसल की खरीदी का समय नजदीक आ रहा है, अतः सभी समितियों के पुरानें कार्यों का ऑडिट अनिवार्य रूप से कर ली जाए, वर्तमान में 2058 सहकारी समितियों और 2739 धान उपार्जन केन्द्र हैं।
ऐसे ग्राम पंचायत अथवा ऐसे स्थान जहां दूरी अधिक है, वहां नवीन समितियों का गठन किया जाए।
उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड एवं रूपे क्रेडिट कार्ड की प्रगति की समीक्षा की और राज्य के ज्यादा से ज्यादा प्रदेश के किसानों इस योजना से लाभान्वित करनें के निर्देश दिए।
उन्होंने नेशनल कोऑपरेटिव डेटाबेस की समीक्षा करते हुए सभी समितियों के डेटाबेस को अपडेट करनें के निर्देश अधिकारियों को दिए।

जिलेवार, पंचायतवार, पेक्स, मत्स्य समिति और दुग्ध समितियों की जानकारी उपलब्ध करानें के साथ ही क्रियाशील और अक्रियाशील समितियों के चिन्हांकन करनें के निर्देश भी दिए।
ऐसे ग्राम पंचायत जहां एक भी समिति नहीं है, उन्हें लक्ष्य में रखकर नवीन समितियों का गठन किया जाए।
इसी प्रकार उन्होंने विश्व अन्न भंडारण योजना, भारतीय बीज सहकारी समिति, राष्ट्रीय सहकारी निर्यात समिति, प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र, कॉमन सर्विस सेंटर एवं ई-डिस्ट्रिक्स सर्विस की स्थिति सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त की, यथा संभव समस्त सहकारी संस्थाओं के खाते जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में अनिवार्यता खोले जानें चाहिए, जिससे सहकारिता का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *