सारंगढ़/बिलाईगढ़। 15 सितम्बर 2024
✒️✒️ सोना बारमते…
हिंदी दिवस पर देश के राष्ट्रभाषा मानें जानें वाली भाषा हिंदी के सम्मान में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घरजरा में संस्था प्रमुख पवन कुमार दीवान के निर्देशानुसार हिंदी की व्याख्याता ज्योति एक्का के मार्गदर्शन में हिंदी के महत्व को समझनें एवं उसके प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय हिंदी दिवस का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों नें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुक्ति प्रकाश एक्का नें बताया कि 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा नें हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया, 1953 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. पूनम सिंह साहू नें हिंदी के महत्व एवं इसकी उपयोगिता को अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से विस्तार से बताया।
प्रधान पाठक विमल कुमार भोई नें बच्चों के जन्म से ही हिंदी बोलनें की कहानी को बहुत ही मनोरंजक शैली में बोलकर सबको हंसाया।
विद्यालय के शाला नायक नीरज साहू नें बताया कि हिंदी भाषा हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है इसमें जैसे लिखी जाती है, वैसे बोली जाती है।
मोनिका और रश्मि नें अपनी विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह दिन हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर की याद दिलाता है और नई पीढ़ी को अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व महसूस कराता है।
इसी प्रकार विद्यालय की छात्र-छात्राएं कुमारी रश्मि बरिहा, नरसिंह जायसवाल एवं कुमारी चंचल सिदार आदि नें इस कार्यक्रम में बढ़-चड़कर हिस्सा लिए एवं हिंदी के महत्व, उद्देश्य आदि पर प्रकाश डालते हुए अपनी कविता, गीत एवं भाषण प्रस्तुत किए।
व्याख्याता ज्योति एक्का नें हिंदी दिवस के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी दिवस मनानें का उद्देश्य हिंदी के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना और इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है, युवाओं को हिंदी के महत्व और उसके साहित्य से परिचित कराना है, हिंदी के माध्यम से भारतीय संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करना है।
अंत में संस्था प्रमुख पवन कुमार दीवान नें कहा कि हम सभी को हिंदी भाषा के प्रति गर्व और सम्मान को बढ़ावा देना चाहिए, यह दिन हमें हिंदी के महत्व को समझनें और इसका सम्मान करनें के लिए प्रेरित करता है, हमें हिंदी दिवस के जरिए हिंदी भाषा के प्रसार और विकास के लिए काम करना चाहिए।
इस अवसर पर संकुल केंद्र घरजरा के समन्वयक नरोत्तम साहू एवं शिक्षक शिक्षिकाएँ पितांबर साहू, देवनाथ नागवंशी, अभिलाषा चौरसिया, सरोजनी बरिहा,गोपाल केवट, लव कुमार जायसवाल, कमलेश साहू, देवनाथ नागवंशी, प्रवीण बंजारे, ज्योति किस्पोट्टा, सुनीता साहू, दिनेश पटेल, शत्रुघ्न गोरियार एवं संकुल के समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी रही।
यह जानकारी विद्यालय के प्रचार प्रसार प्रमुख डॉक्टर पूनम सिंह साहू नें दी एवं कार्यक्रम का संचालन मुक्ति प्रकाश एक्का के द्वारा किया गया।