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मनवांछित फल प्रदाय करनें वाली जेवरागढ़ की मां महामाया में तीन अक्टूबर से जगमगाएगी आस्था की ज्योति

बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 01 अक्टूबर 2014

✒️✒️ राघवेन्द्र सिंह…

“या देवी सर्वभूतेषु, शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

आदिशक्ति जगत जननी जगदम्बा मनोवांछित फल प्रदायिनी मां महामाया शक्ति के अवतार मां दुर्गा की घट स्थापना शारदीय नवरात्र तीन अक्टूबर को प्रारंभ होगी, भक्ति में शक्ति और उपासना कि पर्व माता जी के भक्तों के लिए बड़ी ही शुभ मानी जाती है, इस नवरात्र में किया गया जप-तप, पूजा-पाठ से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ति होती है, इस शारदीय नवरात्र पर जगह-जगह आयोजित की जानें वाली माता जी के भक्तों द्वारा माता जी को विराजित करनें के लिए कई स्थानों पर पंडालों एवं अन्य विद्युत उपकरणों से सजावटी की कार्य अंतिम चरण पर है, जगह-जगह महामाया मंदिरों में सिद्धि मनोकामना ज्योति भी प्रज्वलित होगी छत्तीसगढ़ में जगह-जगह श्री शक्ति सिद्ध पीठ महामाया की भी स्थापना की गई है, जहां लोगों की आस्था जुडी हुई है और दर्शन के लिए भक्तों द्वारा दूर-दूर से भी आना-जाना लगा रहता है।

ऐसी ही एक शक्तिपीठ जांजगीर जिला के पामगढ़ मुख्यालय से 12 किलोमीटर दक्षिण दिशा में जेवरागढ़ स्थित है, जहां साक्षात माताजी विराजमान है, माता जी के दर्शन के लिए यहां वर्ष भर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, सभी भक्तों की मनवांछित फल भी प्रदाय करती है, जेवरागढ़ के श्री शक्तिपीठ मां महामाया समिति के अध्यक्ष डॉक्टर कोमल सिंह, उपाध्यक्ष सीताराम कश्यप, सुभाष गुप्ता, रोहित कश्यप, बसंत यादव, राम पुकार कश्यप, अशोक कश्यप द्वारा जानकारी दिया गया कि ग्राम जेवरागढ़ में स्थित महा महामाया बहुत ही अति प्राचीन मां महामाया मंदिर है सदियों पूर्व यहां राजा महाराजाओं का गढ़ था तब की जमाने से लेकर आज भी मां महामाया की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है और इसकी ख्याति दूर-दूर तक पहले हुई है।

ग्राम जेवरा के सामाजिक कार्यकर्ता राम पुकार कश्यप अशोक कश्यप द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि आज भी जेवरागढ़ की मां महामाया की मंदिर के क्षेत्रफल में अभी भी किसी प्रकार की निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता और नहीं मिट्टी की खुदाई किया जा सकता ग्राम पंचायत द्वारा अनेकों बार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के अंतर्गत मैदान समतलिकरण एवं अन्य निर्माण करने का प्रयास किया गया लेकिन अभी तक शासन भी इस निर्माण कार्यों में विफल रहा है जब-जब निर्माण करनें का प्रयास किया तब तक किसी अन्य प्रकार की दुर्घटना एवं अनहोनी हो जाती है यहां की मां महामाया मंदिर की दर्शन एवं यहां की प्रसिद्ध दशहरा देखने के लिए भैंसो सेमरिया केसला पामगढ़ भिलौनी कोसिर कोहराऊद मुलमुला कोसा बोहरडीह दिघोरा ससहा कोनारी कुटीघाट झलमला सहित आसपास के दर्जनों गांव के ग्रामीण पहुंचते हैं।

मंदिर समिति के पुजारी पंडित उमाशंकर पांडे द्वारा बताया गया कि श्री शक्ति सिद्ध पीठ मां महामाया जेवरागढ़ में पिछले वर्ष लगभग 400 घृत एवं तेल का श्री सिद्धि मनोकामना ज्योति प्रज्वलित कराया गया था जो इस साल और भी बढ़नें की संभावना है, प्राचीन कीवदंती के अनुसार जेवरागढ़ की परिसर में एक सीरीज पाठ नाम का पेड़ था जो कि बहुत ही शक्तिशाली एवं प्रभावशाली था, जिसे माता जी की बिना अनुमति के छू देनें से ही बहुत बड़ा अनहोनी घट जाता था, जिससे लोगों में आस्था बढ़ती ही जा रही है, ग्राम जेवरागढ़ की मां महामाया मंदिर की भव्य भव्यता को देखनें के लिए आज भी दूर-दूर के ग्रामीण पहुंचते हैं, शारदीय नवरात्र प्रारंभ दिनांक तीन अक्टूबर से लेकर लगातार 11 अक्टूबर तक माता जी के सेवा के लिए तरह-तरह के भजन कीर्तन माता जी की सेवा जस गीत प्रतिदिन आयोजित की जा रही है, अंतिम दिवस 11 अक्टूबर को अष्टमी एवं महानवमी के साथ हवन पूजन भोग भंडारा प्रसाद वितरण के साथ विधि विधान पूर्वक ज्योति विसर्जन की जाएगी।

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