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तत्कालिन सरकार में डीएमएफ के फंड का बंदरबाट किस तरह से होता है यह रीपा के माध्यम से स्पष्ट हो रहा है- कौशिक

बिलासपुर, छत्तीसगढ़। 15 फरवरी 2024

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक नें सदन में उठाया रीपा का मामला कहा, रीपा में हुई अनियमितता पर चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर होनी चाहिए जांच…

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा नें स्वीकार जांच की मांग, कहा 03 महिनों में होगी जांच…

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक नें विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि आज सदन में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से रीपा को लेकर सवाल पूछा गया है कि तत्कालीन सरकाल के कार्यकाल में कुल कितने रीपा स्थापित किए गए है। 

धरम लाल कौशिक नें बताया कि उप-मुख्यमंत्री जी के द्वारा जवाब में बताया गया है कि प्रदेश में नवम्बर 2023 तक कुल 300 रीपा स्थापित किए गए है और जिसमें कुल मिलाकर करके लगभग 600 करोड़ रू. की राशि उसमें स्वीकृत की गई है।

धरम लाल कौशिक नें कहा कि जिस प्रकार से पिछले पांच सालों तक रीपा का जो मामला आया और प्रदेश के कोई भी क्षेत्र में देखा जाए तो अधिकतर रीपा में ताला लटका हुआ है, कहीं मशीन नहीं तो कहीं मशीन बंद पड़ा हुआ है, इसके बावजूद सरपंचों से हस्ताक्षर करा करके उसमें अधिकारियों के द्वारा खरिदी की गई।

उन्होंने कहा कि 02 करोड़ के योजना में से 50 से 80 लाख रू. प्रोजेक्ट के लिए लिया गया है इससे स्पष्ट हो रहा है कि तत्कालिन सरकार के चलते डीएमएफ के फंड का बंदरबाट भारी मात्रा में हुआ है।

उन्होंने कहा कि डीएमएफ के राशियों का कैसें बंदरबाट किया जाता है वह रीपा के माध्यम से देखनें को मिला और इन सारी अनियमितता एवं भ्रष्टाचार को लेकर उप-मुयख्मंत्री जी से जांच की मांग की गई है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए ताकि सारे मामलों से पर्दा उठ सकें।

धरम लाल कौशिक नें बताया कि उप-मुख्यमंत्री द्वारा जांच की मांग को स्वीकार करते हुए जांच का आदेश दिया गया है और अगले 03 महीनों का समय उप-मुख्यमंत्री जी द्वारा दिया गया है।

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