रायगढ़, छत्तीसगढ़। 15 फरवरी 2024
किसानों की समस्याओं और जिज्ञासाओं का भी किया गया समाधान…
कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि महाविद्यालय के प्रोफेसरों के साथ अन्य विशेषज्ञों द्वारा किसानों को दी गई तकनीकी जानकारी…
आकाशवाणी रायगढ़ की ओर से रायगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत जुर्डा में रेडियो किसान दिवस का आयोजन किया गया।
इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि महाविद्यालय के प्रोफेसरों के साथ अन्य विषेषज्ञों द्वारा खेती की नई तकनीकी की जानकारी दी गई।
इसके पहले मां भारती के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना की गई और कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे की वंदना से हुआ।
किसानवाणी के सू़त्रधार चवल पटेल नें सरस्वती वंदना का गायन किया।
इसके बाद आकाशवाणी के कार्यक्रम प्रमुख और किसानवाणी प्रभाग के प्रभारी अधिकारी नीरज प्रभाकर नें रेडियो किसान दिवस के उद्देश्य और रेडियो किसानों के लिए किस तरह का कार्यक्रम आयोजित करता है उसकी जानकारी दी।
उन्होंने इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अरहर की खेती में 2027 तक पूरी तरह आत्म निर्भर बनानें और मीठी क्रांति को लेकर किए जा रहे प्रयास की जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में किसानवाणी प्रभाग के सूत्रधार मुकेश चतुर्वेदी, दिलीप चौधरी, वेणुधर पटेल, सुशील प्रधान, अजय श्रीवास, धवल किशोर गुप्ता, हर्ष प्रकाश नामदेव, रामबिलास पटेल, स्वतंत्र महंत और आकाशवाणी के इंजीनियरिंग सेक्शन से अखिलेश कछवाहा समेत दर्जनों की संख्या में किसान और ग्रामीण उपस्थित थे।
हर साल 15 फरवरी को रेडियो किसान दिवस का आयोजन किया जाता है।
इस कार्यक्रम के लिए ऐसे गांवों का चयन किया जाता है जहां वृहद रूप से खेती-किसानी, पशुपालन के अलावा आय बढानें की दिशा में काम किया जाता है।
आकाशवाणी का किसानवाणी प्रभाग किसानों की आय वृ़िद्ध करनें की थीम पर काम करते आ रहा है।
इसके लिए रेडियो के माध्यम से नए-नए तरीके बताए जाते हैं और विशेषज्ञों द्वारा जानकारी भी दी जाती है, साथ ही प्रगतिषील किसानों के अनुभवों को भी रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से साझा किया जाता है।
इसी कडी में रेडियो किसान दिवस कार्यक्रम का आयोजन रायगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत जुर्डा में किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र रायगढ़ के डॉ. बी.के. राजपूत नें रेडियो किसान दिवस की प्रासंगिकता को लेकर कहा कि इस तरह के आयोजन से किसानों को बड़ा लाभ मिलता है।
उन्होंने कहा कि जहां कोई नहीं पहुंचता वहां रेडियो के माध्यम से आकाशवाणी पहुंच रहा है।
उन्होंने खेती को लेकर कहा कि पहले लोग जीविकोपार्जन के लिए खेती करते, लेकिन अब यह व्यावसायिक हो रहा है।
उन्होंने खेती में कौन-कौन सी फसल ले सकते हैं उसकी जानकारी दी तथा खेती में सहायक खेती को बढ़ावा देने की बात कही।
इसमें पशुपालन, मछली पालन, बतख पालन, मुर्गी पालन, उद्यानिकी फसल लगानें की बात कही।
उन्होंने खेती और पशपालन को एक दूसरे का पूरक बताया।
उन्होंने मुर्गी पालन को अभी के समय में अतिरिक्त आमदनी का एक अच्छा स्रोत बताया।
मृदा वैज्ञानिक के.डी. महंत नें मिट्टी में पाए जानें वाले पोषक तत्वों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मिट्टी में 17-18 पोषक तत्व पाए जाते हैं।
इसमें जैविक कार्बन का प्रबंधन करना आवश्यक होता है।
जैविक कार्बन प्राकृतिक तत्वों को जोड़कर रखता है।
खेत में जो भी रासायनिक खाद डाला जाता है उसमें से 87 फीसदी उड़कर चला जाता है।
इसी तरह तेजस्वरी गबेल नें मछली पालन किस तरह से किया जा सकता है इसकी जानकारी दी।
उन्होंने इसके लिए कई तरह की योजनाएं संचालित होनें और प्रशिक्षण देनें की जानकारी दी।
वरिष्ठ पशु चिकित्सक शैलेष कुमार झा नें पशु नस्ल सुधार करनें की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि खेती में जैसे हाईब्रीड बीज का जिस तरह उपयोग किया जाता है उसी तरह से पशुओं में भी हाईब्रीड के लिए पशु नस्ल सुधार करना जरूरी होता है।
केवीके की विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ. मनीषा चौधरी नें सेहत को लेकर कहा कि हम जैसे खाएंगे वैसे हमारा शरीर रहेगा।
उन्होंने संतुलित भोजन के लिए चना, मूंग, अंकुरित करके खानें की सलाह दी।
मिट्टी जांच अधिकारी दिव्या गौतम नें मिट्टी की सेहत को लेकर किसानों को जांच करानें की सलाह दी।
उन्होंने मिट्टी की सेहत को मानव शरीर से जोड़कर जांच कराना जरूरी बताया।
कार्यक्रम को पादप रोग विशेषज्ञ एवं अधिष्ठाता सीएआरएस रायगढ़ डॉ. ए.के. सिंह, एसएडीओ अभिषेक पटेल, वरिष्ठ तकनीकी सहायक कोसा मुरलीधर देवांगन, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी बिरेद्र मेहर, समेत डॉ खुबचंद बघेल पुरस्कार से सम्मानित किसान मुकेश चौधरी, खीर सागर पटेल, कटौद के किसान नारायण गबेल समेत अन्य किसानों नें कार्यक्रम को संबोधित किया।
स्वॉयल हेल्थ कार्ड का वितरण –
जूर्डा में आयोजित रेडियों किसान दिवस के अवसर पर कृषि विभाग द्वारा स्टॉल लगाया गया था जहां पीएम किसान सम्मान निधि का अपडेशन किया गया, साथ ही विभाग की ओर से मृदा स्वॉयल हेल्थ कार्ड का अतिथियों के हाथों से वितरण किया गया।
स्टॉल में इफको नैनो तरल की जानकारी दी गई और वितरण किया गया।