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साहित्यकार एवं शिक्षक कौशिक मुनि त्रिपाठी “हिंदी काव्य शिरोमणि” मानद सम्मान से सम्मानित

बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 12 नवम्बर 2024

✒️✒️ राघवेन्द्र सिंह…

शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउण्डेशन नेपाल द्वारा बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के साहित्यकार कौशिक मुनि त्रिपाठी को “हिंदी काव्य शिरोमणि” मानद सम्मान से सम्मानित किया गया है।

लेखक एवं कवि कौशिक मुनि त्रिपाठी द्वारा साहित्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी लगातार नवाचार के माध्यम से विद्यार्थियों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाया गया है।

कौशिक मुनि त्रिपाठी पिछले 17 वर्षों से शिक्षकीय एवं 20 वर्षों से लेखन कार्य से जुड़े हुए हैं, वे एम.एस.सी. (भौतिकी), एम.एस.सी. (गणित), एम.ए. (अंग्रेजी), बी.एड. के साथ-साथ पी.एच.डी. अध्यनरत हैं।

उन्हें बचपन से ही पठन-पाठन एवं लेखन कार्य में रुचि थी, वर्तमान में वे स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय, लाहोद में प्राचार्य के पद पर पदस्थ हैं, इनकी अभी तक तीन पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें- भावनाएं एवं अभिव्यक्तियां 2009, अनंत की ओर 2017 एवं मन के धागे 2020 हैं, और उनकी अगली पुस्तक अनंत की ओर, भाग-2 प्रकाशाधीन है, तथा माह फरवरी 2025 तक बाजार में उपलब्ध होगी।

पुस्तकों के साथ-साथ इनकी कई कृतियां पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से भी प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से कुछ विशेष कृतियों के नाम निम्नानुसार है…
मृत शरीर कहलाता है, रक्षाबंधन, गुरु की महिमा, कुछ बातें अनकही, अनंत की ओर, प्रेम की अभिव्यक्ति, क्यू रचना संसार को, वो दोस्त होना है जरूरी, तू अडिग रहना अपनें पथ पर, निःस्वार्थ भाव की सेवा है, हिंदी हैं हम, जीवन के संघर्षों में, ये धरती मांगे खून नहीं, इत्यादि।

हिंदी प्रचार-प्रसार में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा है, वे हिंदी भाषा लेखन में गद्य एवं पद्य दोनों विद्याओं का प्रयोग करते हैं, अर्थात् वे गद्य एवं पद्य दोनों विद्याओं में लेखन का कार्य करते हैं, शिक्षा के क्षेत्र में इनका कार्य उल्लेखनीय रहा।

इन्होंने कोरोना महामारी की कठिन परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग के “पढ़ई तुंहर द्वार” कार्यक्रम के अंतर्गत ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों की पढ़ाई को निरंतर जारी रखा।

इन्होंने ऑनलाइन के साथ-साथ “मोहल्ला कक्षा” की शुरुआत की, जिसके लिए इनके द्वारा “कैंपेन टू हंड्रेड परसेंट” अभियान चलाया गया, जिसका उद्देश्य ऑनलाइन माध्यम से ना जुड़ पानें वाले विद्यार्थियों को ऑफलाइन माध्यम से जोड़ना था, इनके इस कार्य के लिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया, साथ ही साथ जिला कलेक्टर द्वारा सम्मानित भी किया गया।

इनके द्वारा “डोर परियोजना” का सफलता पूर्वक क्रियान्वन किया गया, इस डोर प्रोजेक्ट का प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना है, वर्ष 2022 में इनके इस प्रोजेक्ट के माध्यम से विद्यालय के तीन विद्यार्थियों का चयन पी.ए.टी. में गवर्नमेंट सीट में हुआ, वर्ष 2023 में पांच विद्यार्थियों का चयन हुआ।

इस प्रकार चयनित विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती गई, इस परियोजना के अंतर्गत हर वर्ष लगभग 25 विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग दी जाती है, इनके द्वारा मार्गदर्शन विद्यार्थियों का प्रतिवर्ष चयन इंस्पायर अवार्ड के लिए होता है, वे विज्ञान के क्षेत्र में हमेंशा सक्रिय रहते हैं, विज्ञान प्रदर्शनी एवं पश्चिम भारत विज्ञान मेला में इनके द्वारा मार्गदर्शित विद्यार्थियों का चयन राज्य एवं राष्ट्र स्तर पर हो चुका है, इन्हें वर्ष 2017 में नवभारत द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान द्वारा सम्मानित किया गया, साथ ही साथ विज्ञान संगोष्ठी में कई बार पुरुस्कृत हो चुके हैं, उनके द्वारा वर्ष 2023 में विद्यालयीन पत्रिका “डोर” का सफलता पूर्वक प्रकाशन किया गया।

शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़नें का कार्य इनके द्वारा निरंतर किया जा रहा है, अब तक इन्होंने निम्न सम्मान प्राप्त किए हैं…

नवभारत द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक समान 2017, कोरोना महामारी में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अधिक वर्चुअल कक्षा लेनें पर विशेष योगदान सम्मान 2020, कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे कार्य करनें वाले शिक्षकों का आर्टिकल लिखनें के लिए सम्मानित 2020, शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान सम्मान 2023, साहित्य श्री सम्मान 2024, कर्मयोगी शिक्षक सम्मान 2024, हिंदी काव्य रत्न मानद उपाधि सम्मान 2024, साहित्य सेवा सम्मान 2024 इत्यादि।

देवनागरी लिपि के सरंक्षण, नेपाल भारत मैत्री सम्बन्ध मजबूत बनानें, हिंदी भाषा साहित्य के विकास तथा साहित्यिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करनें के उद्देश्य से शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउण्डेशन नेपाल द्वारा आयोजित की गई अंतर्राष्ट्रीय स्तर की वैश्विक हिंदी अंतर्राष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में हिंदी काव्य शिरोमणि मानद उपाधि सम्मान से सम्मानित किया गया है, शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउण्डेशन नेपाल द्वारा आयोजित वैश्विक हिंदी अंतर्राष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में 1240 रचनाकारों नें अपनी कविता के माध्यम से सहभागिता जताई थी, जिसमें से उत्कृष्ट 100 रचनाकारों को काव्य लेखन में उत्कृष्ट रचनाकार घोषित कर हिंदी काव्य शिरोमणि मानद उपाधि सम्मान से सम्मानित किया गया है।

ज्ञात हो कि शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउण्डेशन नेपाल अपनें साहित्यिक गतिविधियों की वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुकी है, संस्था विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करनें के लिए ऑनलाइन तथा ऑफलाइन कार्यक्रम आयोजित करती आई है।

सम्मान कार्यक्रम के सम्बन्ध में बोलते हुए संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु कहते हैं कि किसी भी प्रतिभा को प्रोत्साहित करनें से उसकी कार्य क्षमता में वृद्धि होती है, राज्य तथा जिले की सरकारी संस्थाओं को प्रतिभा प्रोत्साहन के कार्यक्रम आयोजित करनें चाहिए, शब्द प्रतिभा का यह कदम देश-विदेश की विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करनें के लिए किया जा रहा है, संस्था अपनें उल्लेखनीय कार्यों से देश विदेश में ख्याति प्राप्त कर चुकी है, सभी अग्रज तथा नवोदित हमारे आयोजनों से जुड़नें के लिए उत्सुक रहते हैं,
संस्था के आयोजन इतनें अधिक लोकप्रिय होते हैं कि हर-एक कार्यक्रम में सहभागी होनें वालों की संख्या हजारों में होती है, संस्था विश्व में पहली बार विश्व की सबसे बड़ी साहित्यिक परिचय डायरेक्ट्री प्रकाशन की योजना अंतर्गत देश विदेश के हजार कवि, लेखक तथा साहित्यकारों का परिचय प्रकाशित करनें जा रही है।

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