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भारतीय किसान यूनियन टिकैत की पंचायत संपन्न, किसानों में आक्रोश, गोहद तहसील का होगा घेराव

भिण्ड/मुरैना, मध्यप्रदेश। 27 दिसम्बर 2024

✒️✒️ रेशमा लहरे…

भिण्ड जिले के गोहद तहसील के एंडोरी गांव में भारतीय किसान यूनियन टिकैत द्वारा आयोजित पंचायत में किसानों नें अपनी समस्याओं को लेकर नाराजगी जताई।

मुख्य मुद्दों में बिजली-पानी की किल्लत, सितम्बर माह में हुई बारिश से फसल नुकसान के मुआवजे की मांग, धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी, डी.ए.पी.-यूरिया की कमी और आवारा पशुओं द्वारा फसलों की बर्बादी, आदि शामिल रहे, इसके साथ ही किसान सम्मान निधि योजना का लाभ अधिकांश किसानों तक ना पहुंचनें पर भी असंतोष व्यक्त किया गया।

📡 केन्द्र सरकार पर निजीकरण का आरोप…

मध्यप्रदेश प्रभारी गजेन्द्र सिंह परिहार नें पंचायत को संबोधित करते हुए केन्द्र सरकार पर निजीकरण को बढ़ावा देनें का आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि यह कदम किसानों के लिए नुकसान दायक है और समस्याओं को बढ़ा रहा है।

परिहार नें मांग किया है कि सरकार फसल नुकसान का मुआवजा जल्द दे और अन्य समस्याओं का समाधान करे, साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं की गई तो गोहद तहसील का घेराव किया जाएगा।

📡 लहचोर भूमि प्रकरण पर भी आंदोलन की तैयारी…

पंचायत में लहचोर गांव की 500 एकड़ भूमि पर कुछ जमींदारों द्वारा कब्जे के प्रयासों को लेकर भी चर्चा हुई, इस मुद्दे पर किसानों में गहरा आक्रोश देखा गया, सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि भूमि प्रकरण को लेकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

📡 कई किसान नेता हुए शामिल…

पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख नेता, जैसे प्रदेश प्रवक्ता ओम प्रकाश चौधरी, आगरा मण्डल अध्यक्ष रणवीर सिंह चाहर, प्रमुख महासचिव आगरा मण्डल जगदीश परिहार, जिलाध्यक्ष आगरा राजवीर लवानिया, संभाग प्रभारी ग्वालियर सरदार मलिक सिंह बिर्क, उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह राणा, जिला अध्यक्ष मुरैना धर्मेंद्र प्रताप सिंह तोमर, संभागीय अध्यक्ष भगवान सिंह गुर्जर, भिण्ड जिलाध्यक्ष जयराज सिंह राणा, कार्यक्रम संयोजक विष्णु शर्मा, संभाग संगठन मंत्री जसवीर सिंह सहित कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

📡 आंदोलन का संकल्प

पंचायत में किसानों नें समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होकर संघर्ष करनें का संकल्प लिया, भारतीय किसान यूनियन टिकैत नें स्पष्ट किया कि यदि किसानों की समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं हुआ, तो बड़े स्तर पर आंदोलन होगा, जिसमें सरकार को कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा।

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