बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 24 अगस्त 2024
✒️✒️ राघवेन्द्र सिंह…
जिला कांग्रेस अध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर, विधायक कसडोल संदीप साहू, विधायक बिलाईगढ़ कविता प्राण लहरे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी, प्रवक्ता सुरेन्द्र शर्मा, पूर्व विधायक जनकराम वर्मा, दिनेश यदु, विक्रम गिरी आदि नें पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।
नेताओं नें पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बलौदाबाजार के मामले में साय सरकार अपनीं नाकामी और पूरे देश में हुई बदनामी को छुपाने के लिए विपक्ष के नेताओं को परेशान कर रही है, कांग्रेस के विधायक देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी भाजपा की बौखलाहट को दर्शाता है, यह विपक्ष को बदनाम करनें की साजिश है, विधायक देवेन्द्र यादव बलौदाबाजार में ना भाषण दिए और ना ही कलेक्टर ऑफिस प्रदर्शन में शामिल हुए, वे भीड़ में पांच मिनिट रूक कर वापस आ गए थे, कहीं भी किसी हिंसक घटना में उनके संलिप्तता का कोई भी साक्ष्य नहीं है और ना ही वे किसी भी प्रकार की घटना में शामिल थे, पुलिस नें उनको गलत तरीके से गिरफ्तार किया है।
कांग्रेस नेताओं नें कहा कि सरकार और पुलिस बताए कि किन-किन भाजपा नेताओं को नोटिस दिया, पूछताछ की गई, कांग्रेस के किन-किन नेताओं के नाम है, हम खुद पूछताछ के लिए लेकर आएंगे, न्याय संगत कार्यवाही होनी चाहिए,
भाजपा सरकार का चरित्र और व्यवहार आठ माह में ही अलोकतांत्रिक हो गया है, पत्रकारों को गलत तरीके से फंसानें उनकी गाड़ी में गांजा रखा जाता है, विपक्ष के विधायक को झूठे मुकदमें में फंसा कर गिरफ्तार किया गया, सरकार बनते ही पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ झूठा मुकदमा ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज किया, बलौदाबाजार के मामले में सतनामी समाज और कांग्रेस के लोगों को चिन्हांकित करके उनको जेलों में डाला गया।
कांग्रेस भाजपा सरकार के इस आताताई चरित्र से डरनें वाली नहीं है, इस प्रकार के कृत्यों से हमारे कार्यकर्ता और मजबूती से सरकार के खिलाफ जनता की आवाज उठाएगा।
बलौदाबाजार में हुई आगजनी की भयावह घटना शासन-प्रशासन की बड़ी लापरवाही तथा सरकार की इंटेलीजेंट के फैल हो जानें के कारण हुई, समय रहते सरकार एवं प्रशासन सचेत हो जाता एवं समाज के द्वारा सी.बी.आई. जांच की मांग को पूर्व में ही मान लेता तो प्रदेश को शर्मसार करनें वाली घटना से बचा जा सकता था, पूरी घटना के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार दोषी है, लचर कानून व्यवस्था और प्रशासन की निरंकुशता व लापरवाही से बलौदाबाजार में सतनामी समाज के आंदोलन में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ हुई और इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया, जिसके लिए प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह दोषी है।
साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही बलौदाबाजार में कानून व्यवस्था बिगड़ी है, यदि समय रहते जैतखाम को क्षति पहुंचानें वालों पर कार्यवाही की गई होती और आहत समाज से संवाद किया गया होता तो ऐसी अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होती, धार्मिक भावनाएं आहत होनें पर आंदोलित समाज को विश्वास में लिया गया होता तो ऐसे विध्वंसक प्रतिक्रिया नहीं होती, इस पूरे आंदोलन में भाजपा के जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े सहित अन्य भाजपा नेताओं की भूमिका की जांच हो।
👉 धरना प्रदर्शन को कलेक्टर से परमिशन दिलानें वाला कौन था…?
👉 रैली में आनें वाले हजारों लोगों के लिए भोजन, मंच, पंडाल, माइक के लिए रुपयों की व्यवस्था किसनें किया…?
👉 इतनी बड़ी घटना के बाद भड़काऊ भाषण देनें वाले की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई…?
👉 नागपुर से 250 से अधिक लोग आए थे वो कौन लोग थे…?
👉 सरकार नें उन पर नजर क्यों नहीं रखा था…?
👉 रैली की शुरूआत से ही उपद्रव शुरू हो गया था, उसके बावजूद लोगों को कलेक्ट्रेट क्यों जानें दिया गया…?
👉 भीड़ को रोकनें की कोशिश क्यों नहीं हुई…?
👉 आम जनता के वाहन जलाए जा रहे थे, लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जा रहा था तब पुलिस कहां थी…?
👉 एस.पी. किसके इशारे पर शांत बैठे हुए थे…?
👉 घटना को रोकनें के बजाए पलायन क्यों कर गए…?
नेताओं नें आगे कहा कि कांग्रेस के हमारे नेता देवेंद्र यादव समाज के लोगों के बुलावे पर सभा में सिर्फ शामिल हुए, और उनके साथ जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष, एन.एस.यू.आई. के अध्यक्ष और पार्षद गोल्डी मारैया साथ में शामिल हुए, उन्होंने ना भाषण दिया और ना ही आगजनी के समय वहाँ पर थे, उनको षड्यंत्र पूर्वक फंसानें के लिए इतनी सारी धाराएं लगाई है, इस गिरफ्तारी की हम निंदा करते है, हम सब देवेन्द्र यादव तथा गिरफ्तार कांग्रेस के साथियों के साथ है क्योकि देवेन्द्र यादव के साथ कोई अप्रत्याशित घटना ना हो।
बीजेपी की सरकार षड्यंत्र के तहत कार्यवाही कर रही है, देवेन्द्र यादव को पूछताछ करनें के लिए पुलिस उनके निवास गई थी और फिर गिरफ्तार करके ले गई, भाजपा की सरकार कांग्रेस के नेताओं को परेशान कर रही है, देवेन्द्र यादव को बिना किसी साक्ष्य के गिरफ्तार कर लिया है, पुलिस के पास कोई साक्ष्य हो तो प्रस्तुत करें, विपक्ष चुप बैठनें वाला नहीं है, बलौदाबाजार की घटना की निष्पक्ष जांच करवानें में सरकार विफल है, भाजपा की सरकार कांग्रेस नेताओं को निशाना बना रही है।
विधायक सहित कांग्रेस नेताओं नें कहा कि देश में पहली बार ऐसा हुआ कि कलेक्टर एवं एस.पी. आफिस जला दिए जाते है, 10 जून की घटना को लेकर पूरे 67 दिन बाद देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी हुआ है, धाराएं इतना है कि जांच अधिकारी जितना लिख सकता था उतना लिखा, भाजपा नें सामाजिक सौहार्द बिगाड़नें का काम किया, भाजपा अपनी नाकामी को छुपानें के लिए ऐसी कार्यवाही कर रहे है, पुलिस जो धाराएं लगाई है उनको साक्ष्य दिखाना चाहिए, षड्यंत्रपूर्वक गलत धाराओं के तहत देवेन्द्र यादव के ऊपर 20 धाराओं के तहत कार्यवाही की गई है, यह सरकार की हताशा को बताता है, पुलिस पूछताछ कर रही थी फिर गिरफ्तार कर ले आई, क्योंकि यह कार्यवाही मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के संरक्षण में हुआ है।
देवेन्द्र यादव नें कोई अपराध नहीं किया है इतनें सारे धाराएं जबरदस्ती लगा दिए है, समाज नें सी.बी.आई. जांच की मांग किया है तो सरकार क्यों सी.बी.आई. जांच नहीं करवाती है, छोटी-छोटी घटनाओं की सी.बी.आई. जांच की अनुशंसा की गई है तो इतनी बड़ी घटना जिसमें एक समाज के प्रतीक चिन्ह को तोड़ा गया, एक जिले के कलेक्टर, एस.पी. कार्यालय को जला दिया गया उसकी सी.बी.आई. जांच करवानें में क्या परहेज है, हम सब नें वर्तमान जज की देखरेख में जांच करानें को कहा क्यों नहीं कराया गया।
पत्रकारवार्ता के दौरान परमेश्वर यदु, तुलसी वर्मा, गोपी साहू, मनीष चंद्राकर, लखेश साहू, गणेश शंकर साहू, रोहित साहू, अविनाश मिश्रा, पिंटू वर्मा आदि उपस्थित थे।