बिलासपुर, छत्तीसगढ़। 29 अगस्त 2024
📡 न्यू छत्तीसगढ़ डाॅट काॅम…
एस.ई.सी.एल. की छप्पन वर्षीया श्रीमती रेणु रानी गौतम समाजसेविका बहुत छोटा शब्द होगा इनके लिए, क्योंकि समाज सेवा का पर्याय रेणु गौतम जी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है, दो बार सिर का ऑपरेशन हुआ, हार्ट अटैक का शिकार हो चुकी, बार-बार सांस फूलती है, बिना ऑक्सीजन पंप के एक कदम भी नहीं चल सकती, शरीर से एक फेफड़ा निकल चुका है, इसके बावजूद भी समाज सेवा के लिए निरंतर जरूरतमन्दों की मदद के लिए तत्पर खड़ी रहती है।
इनके द्वारा लगातार पैंतीस वर्षों से दीन-दुखियों की मदद के लिए चाहे वह गरीब बच्चो की शिक्षा के लिए स्कूल की फीस भरनी हो या फिर कॉपी पुस्तक की व्यवस्था करनी हो, दिव्यांग जनों के लिए व्हीलचेयर हो या फिर बेड हो, वाकर हो सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाती है, तथा अनाथ बच्चों का सारा खर्च स्वयं ही निर्वहन करती है।
समय-समय पर वृद्धाश्रम जा कर वृद्धजनों की जरूरत की सारी चीज़ें उपलब्ध भी करवाती है।
इसी तरह हर वर्ष अपनें सिर के बालों को तकरीबन बारह इंच तक लम्बा करती है सिर्फ इसलिए ताकि वे जो कैंसर पीड़ित मरीज हैं जिनके कीमो थेरेपी के बाद बाल गिर जाते हैं, उनके लिए दान करती है।
अपनीं सम्पूर्ण कमाई का आधा हिस्सा को लगातार जरूरतमन्दों पर खर्च करती है।
रेणु गौतम जी का कहना है कि समाजसेवा सिर्फ धन से ही नहीं मन, कर्म से भी की जा सकती है, उसके लिए अच्छी नियत, साफ दिल और मानवता अपनें अंदर सदैव जीवित होनें चाहिए।