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हाई डोज देकर मौत की दुकान चला रहे झोलाछाप डॉक्टर, एस.डी.एम. साहब कब करेंगे कार्यवाही…?

बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 03 अक्टूब 2024

✒️✒️ राघवेन्द्र सिंह…

ना डिग्री-डिप्लोमा, ना ही इलाज करनें का रजिस्ट्रेशन फिर भी जिले में एक हजार से अधिक दुकानें ऐसी संचालित है, जिन पर झोलाछाप डॉक्टर आमजन का इलाज कर रहे हैं, गंभीर बात यह है कि इनके द्वारा सामान्य सर्दी खांसी व बुखार में भी हाई डोज़ की दवा दिया जा रहा है, जो धीरे-धीरे लोगों कों मौत के मुँह तक पंहुचानें का काम कर रहा है।

जिले में छोला छाप डॉक्टर की बाढ़ सी आ गई है जिसके चलते जगह-जगह एक ही दुकान में अपना पूरा निजी अस्पताल खोलकर झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक चला रहे हैं, कोई मेडिकल की आड़ में इलाज क़र रहा तो कोई स्पष्ट बोर्ड लगाकर खुद को डॉक्टर व जनरल प्रेक्टिसनर बता उपचार कर रहा, हद तो तब हो गई जब कुछ लोग डॉक्टरी इलाज के साथ-साथ तांत्रिक इलाज भी कर रहे है, वहीं कोई अवैध पैथो लैब दुकान खोलकर जाँच के नाम पर ऊँची रकम वसूल रहा है तो कहीं-कहीं पर चीर-फाड़ क़र ऑपरेशन की भी सुविधा दे रहे है।

बिना योग्यता वाले यह तथाकथित डॉक्टर मरीज को अपनी बातों के जाल में फंसा कर गंभीर बीमारियों का इलाज कर बीमारी से छुटकारा दिलानें की बात करते हैं, इनमें से कुछ डॉक्टर तो 12वीं पास भी नहीं है, फिर भी वह सभी तरह की बीमारी का इलाज कर रोग से शत-प्रतिशत निजात दिलानें का दावा करते नहीं थकते, इतनी संवेदनशील स्थिति के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी आँख के अंधे बनें बैठे है।

📡 कार्यवाही के नाम पर प्रशासन के फूल रहे हाथ-पांव…

झोलछाप डाक्टरों के सम्बन्ध में क्षेत्र से लगातार खबर प्रकाशन हो रहा है, साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बलौदाबाजार जिले के प्रभारी मंत्री भी है तथा मीडियाकर्मियों द्वारा भी उनके संज्ञान में अवैध पैथोलॉजी लैब व झोलाछाप डाक्टरों की शिकायत की गई है, उसके बावजूद भी जिला प्रशासन व जिम्मेदार अधिकारीयों की कार्यवाही के नाम पर हाथ-पांव फूल रहे है।

फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा जिले में चिकित्सा संबंधी अनिवार्य योग्यताओं व नियम-कायदों को ताक पर रखकर उल्टा-सीधा इलाज कर गरीब जनमानस की जिंदगियों को मौत का दावत दे रहे है, फिर भी स्वास्थ्य विभाग और जिम्मेदार अधिकारी द्वारा अब तक कार्रवाई नहीं किया जाना कई तरह के संदेहों को पैदा कर रहा है।

शहर की गलियों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार बढ़ती ही जा रही है, आलम यह है कि शहर सहित गाँवों में भी आधा-आधा दर्जन क्लिनिक संचालित होते दिखाई दे रहे हैं, जहाँ पर बिना किसी योग्य डिग्री के हर छोटे और बड़े मर्ज के इलाज उनके द्वारा किया जा रहा है, बिना किसी परिक्षण के मरीजों का इलाज करनें वाले यह फर्जी डॉक्टर इलाज के दौरान मरीज की हालत बिगड़नें पर हाथ खड़े कर देते हैं, किसी के नुकसान की इनको कोई परवाह नहीं है, इन झोलाछाप डॉक्टरों का लक्ष्य सिर्फ नोट बटोरना होता है, आए दिन गरीब तबके के लोग इन डॉक्टरों से आर्थिक और शारीरिक शोषण का शिकार हो रहे।

📡 झोलाछाप डाक्टरों का अपना संगठन, अधिकारीयों कों देते है बड़ा कमीशन…

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी अनुसार क्षेत्र के झोलाछाप डाक्टरों का अपना संगठन है, जिनका प्रत्येक महीनें बैठक भी आयोजित होती है, उनके द्वारा बड़े पैमानें पर उच्च अधिकारियों कों कमीशन, नजराना, गिफ्ट इत्यादि पंहुचाई जाती है, और यही एकमात्र वजह है कि स्वास्थ्य विभाग उन पर मेहरबान बना हुआ है, तथा लगातार झोलाछाप डॉक्टरों की शिकायत व खबर प्रकाशन के बावजूद किसी प्रकार की कोई कार्रवाही देखनें कों नहीं मिल रही है।

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग तथा जिम्मेदार अधिकारियों की इसी कमीशनखोरी व लापरवाही के कारण झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद है, और वे सभी बेफिक्र होकर अपना अवैध कारोबार धड़ल्ले से संचालित कर रहे हैं, कहीं ना कहीं उनके ऊपर कारवाई ना करना कई सवालों को जन्म देता है कि आखिर क्या कारण है कि चिकित्सा विभाग इन फर्जी डॉक्टरों पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं…?

📡 सी.एम.एच.ओ. नें कार्यवाही हेतु एस.डी.एम. को लिखा है पत्र…

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के समक्ष झोलाछाप डाक्टरों एवं अवैध क्लिनिकों पर कब होगी कार्यवाही, जैसे तीखे सवाल मीडिया कर्मियों द्वारा पूछे जानें एवं उक्त सम्बन्ध में लगातार खबर चलानें का असर यह हुआ कि ना चाहते हुए भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नें झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा अवैध रूप से संचालित क्लिनिक, पैथोलैब व अस्पतालों पर कार्यवाही करनें हेतु समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देश दिया है, चुकि उक्त आदेश कों जारी हुए 20 दिन बीत गया लेकिन जिले के किसी भी अनुविभागीय अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं किया जा रहा है।

स्थिति ऐसी बन गई है कि झोलाछाप डाॅक्टरों के खिलाफ कार्रवाई ना हो पाना क्षेत्रवासी व आमलोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर ऐसी क्या सांठ-गांठ है जिसके कारण झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है, उक्त पुरे मामले में स्वास्थ्य विभाग व प्रसाशन की किरकिरी भी होनें लगी है।

📡 क्या कहते हैं जिम्मेदार…

कार्रवाई के संबंध में अनुविभागीय अधिकारियों से मोबाइल द्वारा संपर्क किया गया जिसमें सिमगा एस.डी.एम. का नंबर बंद आया। बाॅकी अनुविभागीय अधिकारियों नें निम्न बातें कही…

“नीरिक्षण के लिए दिया हूँ, रिपोर्ट आनें पर कार्रवाई करूँगा।

अमित गुप्ता, एस.डी.एम. बलौदाबाजार

“एक दवाखाना के ऊपर कार्रवाई किए हैं, आगे भी कार्रवाई करेंगे।

सीमा ठाकुर, एस.डी.एम. पलारी

“बी.एम.ओ. को कार्रवाई के लिए बोला था, उसे पुनः निर्देशित करता हूँ कि तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के साथ टीम बनाकर कार्रवाही करें।

भूपेंद्र अग्रवाल, एस.डी.एम. कसडोल

“आप खण्ड चिकित्सा अधिकारी से बात कर लीजिए।

नितीन तिवारी, एस.डी.एम. भाटापारा

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