बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 04 अक्टूबर 2024
✒️✒️ राघवेन्द्र सिंह…
बी.ई.ओ. के खिलाफ एक बार फिर गंभीर आरोप लगे है, बी.ई.ओ. को हटानें को लेकर पिछले दो दिनों से अनिश्चतकालीन हड़ताल और भूख हड़ताल चल रहा है, आरोप है कि बी.ई.ओ. ऑफिस में हर छोटे-बड़े काम के लिए रिश्वत मांगी जाती है, छुट्टी लेनें से लेकर वेतन वृद्धि, आवेदन देनें या गोपनीय प्रतिवेदन जमा करनें जैसे कार्यों को भी बिना पैसे दिए नहीं किए जाते हैं, उनका आरोप है कि बी.ई.ओ. ऑफिस में हर छोटे-बड़े काम के लिए रिश्वत मांगी जाती है।
यह पूरा मामला बलौदाबाजार के कसडोल विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रमाकांत देवांगन से जुड़ा है, रमाकांत देवांगन को निलंबित करनें की मांग को लेकर सर्वदलीय नागरिक कल्याण समिति नें 30 सितम्बर से अनिश्चितकालीन धरना और भूख हड़ताल शुरू किया है।
विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामनें ही समिति की तरफ से धरना एवं भूख हड़ताल चल रहा है, सर्वदलीय नागरिक कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेश कनौजे के मुताबिक बी.ई.ओ. की तरफ से तमाम अनैतिक कार्य किये जा रहे हैं, कार्यालय में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, कई ऐसे कार्य किए जा रहे हैं जिससे शासन की नीतियों की अवहेलना तो हो ही रही है, आर्थिक अनियमितता को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
राजेश कन्नौजे के मुताबिक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सुरबाय में पदस्थ शिक्षक संतराम अजय के पैर फैक्चर हो जानें के कारण विगत दिनांक 03.10.2023 से 12.12.2023 तक मेडिकल अवकाश पर थे, शिक्षक संतराम अजय ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया था, मेडिकल लीव से वेतन भुगतान का नियम निर्देश अलग है। लेकिन, मेडिकल अवकाश को गलत तरीके से स्वीकृत कर नियमित रूप से वेतन भुगतान किया गया, गृहभाड़ा भत्ता को लेकर भी इसी तरह की गड़बड़ियां की जा रही है।
आरोप है कि विकासखण्ड के लगभग सौ से भी अधिक कर्मचारी पति-पत्नी को अलग-अलग एच.आर.ए. दिया जा रहा है, जबकि शासन का नियम है कि पति-पत्नी दोनों अगर शासकीय सेवा में है और साथ रहते हैं तो किसी एक को ही एच.आर.ए. दिया जाएगा।
इस मामले में शिकायत संबंधित उच्च अधिकारी एवं जिलाधीश को करनें पर लगभग एक माह पूर्व जांच अधिकारी नायब तहसीलदार एवं जनपद पंचायत कसडोल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नें जांच किया है, जिसमें आरोप को सहीं पाया गया है, इसके बाद भी प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रमाकांत देवांगन के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं किया जा रहा है, जिससे शासन को लाखों रुपए की क्षति हो रही है।
समिति नें कहा है कि साथ ही बहुत से शिक्षकों के मुख्यालय में नहीं रहनें से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रहा है, लेकिन इस पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
समिति नें चेतावनी दी है कि विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रमाकांत देवांगन की निलंबन तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
“सम्बन्धितों द्वारा मेरे ऊपर जो आरोप लगाया है, वह बिल्कुल बेबुनियाद और निराधार है…
रमाकांत देवांगन,
प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, कसडोल