📡 बड़ा सवाल- आखिर क्या है, पान-फूल…?
बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 26 अक्टूबर 2024
✒️✒️ राघवेन्द्र सिंह…
छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य मंत्री तथा बलौदाबाजार जिले के प्रभारी मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम हेतु बलौदाबाजार आगमन के दौरान मिडियाकर्मियों द्वारा जिला क्षेत्र में झोलाछाप डाक्टरों की मनमानी एवं नियम-कानूनों का खुला उल्लंघन करनें सम्बन्धी शिकायत संज्ञान में लाया गया था, जिस पर मंत्री द्वारा उचित तथा ठोस कार्रवाई करनें का आश्वासन दिया गया था, किन्तु आज दिवस तक पूरा ढ़ाई माह बीत गया लेकिन बलौदाबाजार जिला क्षेत्र में झोलाछाप डाक्टरों पर किसी प्रकार की कार्रवाई देखनें को नहीं मिला, इस अवधि के दौरान स्वास्थ्य मंत्री का बलौदाबाजार में लगभग 05 से 06 बार पुनः आगमन हो चुका किन्तु आज पर्यंत तक कार्रवाई नहीं होनें का मुख्य कारण झोलाछाप डाक्टरों के संगठन का जिम्मेदारों पर दबाव होना बताया जा रहा है।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में वर्ष 2008 से संगठन सक्रिय है, जिनका 21 अक्टूबर दिन सोमवार को रायपुर रोड स्थित एक नवनिर्मित भवन में आपातकालीन बैठक आयोजित किया गया, जिसमें संगठन के पदाधिकारी द्वारा खुले रूप से दावा किया गया कि खण्ड क्षेत्र बलौदाबाजार मे कोई कार्रवाही नहीं हुआ है, उसका पूरा श्रेय संगठन को जाता है, और पूरी गारंटी के साथ यह भी आश्वासन दिया गया कि आगे भी किसी तरह की कार्रवाई अपनें खण्ड क्षेत्र मे नहीं होगी।
उक्त दावा में कितनी सच्चाई है वह तो वक़्त बताएगा परन्तु कसडोल, पलारी ब्लाकों में औपचारिकतापूर्ण कार्रवाई देखनें को मिल भी गया, किन्तु बलौदाबाजार खण्ड क्षेत्र में शून्य कार्रवाई संगठन के दावों पर मुहर लगाता दिख रहा है।
नर्सिंग एक्ट का खुला उल्लंघन करनें वाले झोलाछाप डाक्टरों के संगठन के आगे जिला प्रशासन की बेबसी व लाचारी स्पष्ट नजर आ रही है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
📡 उच्च अधिकारियों को पान-फुल भेट करनें हेतु सभी से माँगा सहयोग…
नाम उजागर ना करनें की शर्त पर एक तथाकथित डॉक्टर द्वारा बताया गया कि 21 अक्टूबर सोमवार को हुई बैठक में विभागीय कार्रवाई को लेकर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित झोलाछाप डाक्टरों के बीच लम्बे समय तक चर्चा-परिचर्चा किया गया।
संगठन के बदौलत कार्रवाई से बचे होनें पर बैठक में तालियों के साथ हर्ष व्यक्त किया गया तथा सम्बन्धित अधिकारियों को पान-फूल चढ़ावा करनें की बात पर सहमति भी बनीं।
पहले तो सभी से एक-एक हजार रूपए की राशि का सहयोग करनें पर विचार किया गया, किन्तु फिर उसको स्थगित कर संगठन में पहले से मौजूद धनराशि से ही जिम्मेदारो कों भेट करनें पर सबकी सहमति बनीं, साथ ही सभी से अपील किया गया की यदि कार्रवाई से बचना है तो संगठन से जुड़कर रहना होगा और जो बिना संगठन से जुड़े अपना प्रेक्टिस करेंगे उन पर संगठन के द्वारा ही विभागीय कार्रवाई कराया जाएगा।
📡 विभागीय कार्रवाई से बचनें कई तरह के उपाय सुझाए गए…
बैठक में अनेंक लोगों नें अपनीं-अपनीं बातें रखी तथा विभाग के नजरों से बचे रहनें का उपाय सुझाया, ज्यादातर लोगों नें अपनें बच्चों को फार्मसिस्ट बनानें की बात कही ताकि उसके मेडिकल की आड़ में अपना धंधा चमकाया जा सके तो किसी नें सुझाव दिया की अपनें दिखावा एवं प्रचार के लिए बड़े-बड़े बैनर पोस्टर ना लगावें तथा ड्रिप की बोतल व अन्य दवाइयों को सामनें खुले में लटका कर रखनें से बचें, वहीं किसी-किसी नें ज्यादा सीरियस व डिलीवरी-जचकी तथा सांप-बिच्छू के काटे हुए मामले का उपचार ना करनें पर जोर दिया।
📡 पत्रकारों से मारपीट कर उन्हें कानूनी उलझनों में फंसानें का फरमान जारी…
संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी द्वारा सभी लोगों को सख्त निर्देश दिया गया कि यदि कोई पत्रकार आपके पास आते हैं, और फोटो विडियो खींचते है तो उनके मोबाइल को तो तोड़ दो तथा उन्हें मार-पीट कर उनके खिलाफ नजदीक थानें में जाकर वसूली करनें तथा डरानें धमकानें का मामला पंजीबद्ध करो।
सूत्र बताते है कि बैठक में सभी लोगों को यह अस्वासन दिया गया कि संगठन को क्षेत्र के बड़े नेताओं का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए हमें किसी पत्रकार से डरनें की जरूरत नहीं है, आपके मदद एवं सहयोग के लिए संगठन हमेशा एक पैर में खड़ा रहेगा।
सोंचनें वाली बात है कि प्रशासन के नाक के नीचे ऐसी बैठकें आयोजित हो रही है तथा बड़ी विडंबना है कि उनके हौसले इतनें बुलंद है कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मारनें व फंसानें तक की बात कर रहे हैं।
📡 खण्ड चिकित्सा क्षेत्र पलारी में भी हुआ बैठक…
उधर पलारी ब्लॉक के झोलाछाप डाक्टरों के संगठन का बैठक शुक्रवार दिनांक 25 अक्टूबर को आहूत होनें की जानकारी मिली है, जहां पर उनके बैठक में कोई छुटभैया नेता बतौर मुख्य अतिथि पहुंचा हुआ था, जिनके द्वारा सभी को निश्चिन्त होकर काम करनें तथा विभागीय कार्रवाई से बचानें एवं उच्च नेताओं का संरक्षण दिलानें की बात कही गई तथा किसी प्रकार की कार्रवाई या समस्या होनें पर तुरन्त फोनकाल के माध्यम से अवगत करानें हेतु अपना संपर्क नंबर भी दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार पलारी ब्लॉक के झोलाछाप डॉक्टर भी जिम्मेदार अधिकारियों को खुश करनें की जतन में लगे हैं तथा सभी झोलाछाप डॉक्टरों से राशि कलेक्शन कर दीपावली उपहार की व्यवस्था किया जा रहा है।
📡 बड़ा सवाल…
झोलाछाप डाक्टरों के संगठन द्वारा आयोजित बैठक के सभी बातों को लिख पाना संभव नहीं है, किन्तु अभी और भी अनेकों ऐसी बातों का पता चला है कि जिस पर यदि खबर प्रकाशन किया जावे तो बहुत से जिम्मेदार अधिकारी नप जाएंगे तथा कुछ तथ्यों पर और जानकारी जुटाकर अगले अंक मे प्रकाशन किया जाएगा।
“फिलहाल बड़ा सवाल यही है कि…
क्या झोलाछाप डाक्टरों को राजनीतीक संरक्षण प्राप्त है…?
मरीजों के जान-माल के साथ खिलवाड़ करनें वाले झोलाछाप डाक्टरों के आगे क्यों बौना साबित हो रहा है प्रशासन…?
क्या जिम्मेदारों को कार्रवाई नहीं करनें के एवज मेंव कमीशन दिया जा रहा है….?