बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़। 10 नवम्बर 2024
✒️✒️ राघवेन्द्र सिंह…
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से एक चौंकानें वाली घटना सामनें आई है, जिसमें भा.ज.पा. के नगर पंचायत अध्यक्ष यशवर्धन वर्मा नें शराब के नशे में पुलिसकर्मियों से अभद्र व्यवहार किया और उन्हें धमकी दी।
घटना पलारी थाना क्षेत्र की है, जहां भा.ज.पा. नेता नें थाना में पहुंचकर ना केवल गाली-गलौज की, बल्कि पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट भी की, और कहा- “मेरे जैसा गुण्डा कोई नहीं”…!
इस दौरान उन्होंने अपनी राजनीतिक ताकत का भी हवाला दिया और पुलिसकर्मियों को धमकाते हुए यह जतानें की कोशिश की कि वे कानून से ऊपर हैं।
अब स्वत: चिंतन योग्य बात यह है कि जो नेता पुलिसकर्मियों को मार सकता है, थाना में घुस कर पुलिस अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा कि “मेरे से बड़ा गुण्डा कोई नहीं है यहां” आगे कहा कि गुण्डागर्दी बताऊंगा तो पूरा थाना साफ कर दूंगा, बस्तर भिजवा दूंगा, इस तरह की धमकी दे सकते हैं वे क्या कुछ नहीं कर सकते।
छत्तीसगढ़ प्रदेश और भारत में भा.ज.पा. की डबल इंजन की सरकार हैं, इस घटना के बाद जब स्थानीय पत्रकारों नें मामले को रिपोर्ट किया, तब उन्हें भी धमकियां दी गईं, जो कि लोकतांत्रिक संस्थाओं और मीडिया की स्वतंत्रता पर विभिन्न प्रकार के सवाल उठाती हैं…?
भाजपा नेता को संरक्षण आखिर किसका…?
अगर भा.ज.पा. शासन में अहंकार दिखाएगी, तो जनता का विश्वास कैसे जीतेगी…?
एक नेता को हमेशा जनता के प्रति संवेदनशील और उनके मुद्दों के प्रति सच्चा होना चाहिए, ताकि वह विश्वास और सहयोग हासिल कर सके, देश और राज्य के सरकार को पत्रकारों के लिए जल्द ही कानून बनानी चाहिए, हर बार पत्रकारों को धमकियां आती रहती है, हाल ही में कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का धमकी देनें का मामला सामनें आया था।
ऐसे में निष्पक्ष पत्रकारिता करना चुनौती भरा होगा और सच्ची पत्रकारिता खत्म हो जाएगी।
📡 कैसे हुआ यह पूरा घटना…
स्थानीय पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार भा.ज.पा. के पलारी नगर पंचायत अध्यक्ष यशवर्धन मोनू वर्मा विगत दिवस शुक्रवार को देर रात तक शराब के नशे में थाना के सामनें ही पार्टी कर रहे थे, यहां उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार किया और बाद में भा.ज.पा. जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े अपनें सैकड़ों कार्यकर्ताओं की भीड़ पलारी थाना में ले आए, उस दौरान पुलिसकर्मियों और भा.ज.पा. समथकों के बीच तकरीबन दो घण्टे तक थाना में जमकर हंगामा मचा।
बता दें कि थाना के अंदर ही भा.ज.पा. नेता नें कहा कि “मेरे जैसा गुण्डा कोई नहीं, तुम लोग क्या कर सकते हो”…?
उनकी इस दादागिरी से थाना में मौजूद पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए।
📡 राजनीतिक और पुलिस प्रतिक्रिया…
इस घटना पर राजनीति भी गरमा गई है, कांग्रेस पार्टी नें भा.ज.पा. नेता के इस दादागिरी भरे कृत्य की कड़ी निंदा की है।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर नें कहा कि “यह बहुत ही शर्मनाक कृत्य है कि एक जन-प्रतिनिधि शराब के नशे में धुत्त होकर कानून के साथ खिलवाड़ कर रहा है और पुलिसकर्मियों को धमकियां भी दे रहा है, हम इसकी कठोर निंदा करते हैं, और पुलिस से यह मांग करते हैं कि दोषी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई तत्काल की जाए।”
भा.ज.पा. नेताओं के दबाव में थाना प्रभारी और दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया जो कि सरासर सरकार की तानाशाही को दर्शाता है, जब पुलिसकर्मियों के साथ ही अन्याय हो तब आम जनता के न्याय की उम्मीद करना बेमानी होगी।
📡 पत्रकारों को भी मिली धमकी…
घटना की खबर मीडिया में फैलनें के बाद जब स्थानीय पत्रकारों नें इस पर रिपोर्टिंग की, तब उन्हें भी धमकियां मिलनें लगीं।
पत्रकारों का कहना है कि जब उन्होंने मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया, तब उन्हें भा.ज.पा. नेता एवं नगर पंचायत अध्यक्ष यशवर्धन वर्मा का फोन आया, पत्रकार नें नाम ना बतानें की शर्त पर बताया कि “हमें कहा गया कि अगर हम इस खबर को चलाते रहे, तो गंभीर परिणाम भुगतनें होंगे, आगे देख लेनें की बात भी कही गई।
यह ना ही केवल हमारी सुरक्षा के लिए बल्कि मीडिया की स्वतंत्रता के लिए भी एक बड़ा खतरा है, फिलहाल पत्रकार नें थाना में अपना शिकायत दर्ज करवा दिया है।
पुलिस जानकारी के मुताबिक यह विवाद तब शुरू हुआ जब अध्यक्ष पलारी थाना के सामनें शराब पीकर कार का साउण्ड सिस्टम फुल आवाज में चालू करके पार्टी करते हुए अपनें चार-पांच साथियों के साथ डांस कर रहे थे, इस दौरान उन्होंने गाली-गलौज शुरू कर दी और अपनी राजनीतिक ताकत का हवाला देते हुए पुलिसकर्मियों को धमकी दी।
थाना में हंगामा बढ़नें के बाद पुलिस अधिकारियों नें उन्हें शांति बनाए रखनें की कोशिश की, लेकिन नशे में धुत्त भा.ज.पा. नेता की दखलअंदाजी लगातार बढ़ती गई।
थाना प्रभारी केशर पराग नें कहा कि कल बीती रात थाना परिसर के 10 कदम सामनें ही चार-पांच अन्य साथियों के साथ पलारी नगर पंचायत अध्यक्ष यशवर्धन वर्मा शराब पीकर पार्टी कर रहे थे, कुछ महिलाएं मंदिर के पास थीं, अश्लील भाषा का प्रयोग हो रहा था, मैनें तो पहले अपना स्टाफ भेजा, पुलिसकर्मियों को धमकानें और मारनें लगा, जब स्टाफ चिल्लाए कि सर हमें यहां मार रहे हैं, तब मैं और स्टाप लेकर गया, तब मुझे भी धमकाया गया, वे पूरे शराब के नशे में धुत्त थे, मुलाइजा करनें थाना लाया।
जिसके बाद जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े अपनें सैकड़ों समर्थकों को लाकर थाना में हो-हल्ला किए, गहमा-गहमी हुई, काफी आवेश में थे, थाना मुंशी के कक्ष में जाकर शीशा को चूड़ा मारकर तोड़ दिए, उस दौरान पुलिसकर्मियों को धमकी देते हुए कहा कि “मेरे से बड़ा गुण्डा कोई नहीं है यहां” आगे कहा कि गुण्डागर्दी बताऊंगा तब पूरा थाना साफ कर दूंगा, तुमको बस्तर भिजवा दूंगा।
पुलिस विभाग नें भी मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है, ए.एस.पी. अभिषेक सिंह नें कहा कि “हम इस मामले की पूरी तरह से जांच करेंगे और जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई तत्काल की जाएगी, कानून के खिलाफ किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा।”